सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के दिशा-निर्देश पर शासकीय पॉलिटेक्निक खैरागढ़ में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्रकुमार कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण 2012 के संबंध में कहा कि इस कानून के जरिये नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीडऩ, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध व छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है. यह अधिनियम पूरे भारत पर लागू होता है, पॉक्सो कानून के तहत सभी अपराधों की सुनवाई एक विशेष न्यायालय द्वारा कैमरे के सामने बच्चे के माता पिता या जिन लोगों पर बच्चा भरोसा करता है उनकी उपस्थिति में होती है. इस अधिनियम में बच्चों को 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के रूप में परिभाषित किया गया है.

यह अधिनियम लिंग तटस्थ है, इसका अर्थ यह है कि अपराध और अपराधियों के शिकार पुरुष, महिला या तीसरे लिंग हो सकते हैं. सभी के लिये अधिनियम के तहत यौन अपराध के बारे में पुलिस को रिपोर्ट करना अनिवार्य है और कानून में गैर-रिपोर्टिंग के लिये दंड का प्रावधान शामिल किया गया है. इस अधिनियम के अंतर्गत नाबालिक की सहमति, सहमति नहीं मानी जाती है. श्री कश्यप ने मोटर यान अधिनियम, गुड टच-बैड टच, साइबर अपराध आदि के संबंध में छात्र-छात्राओं को विस्तृत जानकारी दी साथ ही उन्हें सफल होने के लिये तन-मन-धन से अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिये प्रेरित किया. कार्यक्रम में प्रभारी पैरालीगल वालेंटियर गोलू दास, छबिराज, आरक्षक राहुल शेंडे, प्राचार्य जनक कुमार सहित शिक्षकगण, शंकर वराठे, अपूर्व कुमार दास, सीमा दिल्लीवार, आशा मोरे, रोशनी ताम्रकार, सुलेखा कुजुर, आकांक्षा साहू, अंशु प्रीति कुजुर, स्वाति टीकम, लवलेश कुमार, मन्नु कुमार नायक, बलवंत कोर्राम, चंदन कुमार, संतोष सत्यवंशी, अतुल कुमार पटेल व प्रकाश चंद्रखरे सहित बड़ी संख्या में नव प्रवेशीत छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे.