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राजनांदगांव

छत्तीसगढ़ नरवा विकास योजना वनवासियों के लिए वरदान साबित हुआ- पंकज बांधव

भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि नियम 2018 (सी.ए.एफ. रूल्स) के नियम 5 (2) (छ) में कैम्पा द्वारा वनों में मृदा और आद्र्रता संरक्षण संबंधी कार्य अर्थात् भू-जल संरक्षण कार्य किये जाने का प्रावधान है. मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा विकास योजना है. मुख्यमंत्री की परिकल्पना के आधार पर एवं मोहम्मद अकबर, वनमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में वनक्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा जल स्त्रोत (नदी-नालों और तालाब) को पुनर्जीवित करने के लिये नरवा विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु वृहद स्तर पर कार्यवाही की जा रही है. नरवा विकास योजना को उत्कृष्ट बनाने के उद्देश्य से अधिकारियों/ कर्मचारियों में क्षमता विकास बढ़ाने हेतु क्षेत्रीय स्तर तक तकनीकी प्रशिक्षण गैर शासकीय संस्था आई.सी.आर.जी. द्वारा दिया गया था. प्रशिक्षण में सर्व प्रथम बेस लाईन सर्वे के द्वारा नरवा का चिन्हांकन करना, जी.आई.एस. पद्धति से डी.पी.आर. तैयार करना एवं क्षेत्रीय स्तर पर रिड्स टू विलेज के आधार पर कार्यो का कियान्वयन समय सीमा पर किये जाने हेतु प्रशिक्षित किया गया.

नरवा विकास योजना अंतर्गत किये गये कार्यों के सफल परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से कार्यों के उत्कृष्ट कियान्वयन हेतु मुख्यालया स्तर पर जी.आई.एस. सेल का गठन एवं क्षेत्रीय स्तर पर 34 एन.आर.एम. इंजीनियर के द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन लगातार दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार प्रदेश के वनक्षेत्रों में स्थित लगभग 8000 नरवाओं में से अब तक कुल 6395 नरवाओं को उपचारित किया जा रहा है जिसमे से अब तक 2785 नरवाओं में कार्य पूर्ण कर लिया गया है, नरवा विकास योजना अंतर्गत कुल 1289.83 करोड़ रू (ए.पी.ओ 2022-23 सम्मिलित) में से अबतक 443.79 करोड़ की राशि व्यय की गई है. नरवा विकास योजना अंतर्गत 398522 नग नाला उपचार तथा 47790.84 हे. क्षेत्र उपचार संरचनाओं में से 257124 नग नाला उपचार तथा 34326.48 हे. क्षेत्र उपचार संरचनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, शेष संरचनाओं का निर्माण प्रगति में है.नरवा विकास योजना अंतर्गत वनक्षेत्रों में वृक्षारोपण का कार्य कराया जा रहा है जिसमें अबतक 223.091 हे. में 99226 पौधों को रोपित किया गया है.

वनक्षेत्रों में भू-जल स्तर में वृद्धि होने से वनों के आसपास के रहवासियों/ ग्रामीणों के लिए पेयजल के स्त्रोतों का विकास होगा तथा कृषि भूमियों की सिंचाई क्षमता में भी वृद्धि होगी प्रदेश सरकार द्वारा नरवा विकास योजना के तहत भू-जल संरक्षण कार्यों के माध्यम से वनक्षेत्रों एवं वनों के आसपास के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जाकर अब तक लगभग 72 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है. वर्तमान में जहां पूरा देश कोरोना महामारी जैसे संकट से पीडि़त है, ऐसी स्थिति में प्रदेश में भू-जल संरक्षण कार्यों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाकर उनको विशेष सहायता प्रदान की जा रही है. भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित ए.पी.ओ. 2022-23 में स्वीकृत कुल राशि रू. 300.52 करोड़ की राशि से 24 जिलों के अंतर्गत कुल 32 वनमंडल (क्षेत्रीय), 02 राष्ट्रीय उद्यान, 03 टायगर रिजर्व एवं 01 एलीफेंट रिजर्व अंतर्गत 1503 नालों 6.26 लाख हेक्टेयर जलग्रहण क्षेत्र में निर्माण कार्य प्रस्तावित है.

17 जून दोपहर 01 बजे सी.एम. हाऊस रायपुर में मुख्यमंत्री के आतिथ्य में बैठक सम्पन्न हुआ अध्यक्षत वनमंत्री मोहम्मद अकबर विशेष अतिथि के रूप में, चन्द्रदेवराय संसदीय सचिव, पंकज बांधव, वसीउल्लाह खान, श्रीमती लक्ष्मी साहू छ.ग. राज्य कैम्पा क्रियान्वयन समिति के सम्मानित सदस्यगण व समन्वय समिति के सदस्य जे. धनंजय अधिकारी छ.ग. शासन के संयुक्त सचिव सुभ्रत साहू जी, प्रमुख वनबल संरक्षक राकेश चतुर्वेदी कैम्पा सी.आ. राव साहब एवं विभागीय अधिकारी कर्मचारीगण बैठक में शामिल हुये जिसमें राजनांदगाँव वन मंडल 24 नरवा विकास कार्यो के लिये 4.85 करोड़ व खैरागढ़ वनमंडल में 34 नरवा विकास कार्यो के लिए 6.90 करोड रूपये कवर्धा जिला 48 नरवा विकास योजना कार्यो के लिये 9.70 करोड़ धनराशि प्रस्तावित का अनुमोदन किया गया. वर्ष 2021-22 में पूर्ण कार्यों का वर्चूवल के माध्यम से विधिवत कार्यो का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने अपने कर कमलों से किया.

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