
वेतन, स्थायीकरण और पदोन्नति को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी खैरागढ़। छत्तीसगढ़ में सहकारी समिति कर्मचारियों का राज्यव्यापी आंदोलन शुरू हो गया है। कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए वेतन, स्थायीकरण और पदोन्नति जैसी मूलभूत मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है।राज्यभर की 2058 सहकारी समितियों और 2739 धान उपार्जन केंद्रों के कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हुए हैं। आंदोलन की शुरुआत आज सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के साथ हुई। खैरागढ़ में कर्मचारियों ने अंबेडकर चौक से रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट तक मार्च किया। बड़ी संख्या में सहकारी समिति कर्मचारी बैनर-पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे और वादे पूरे करो, हक दो जैसे नारे लगाए। कर्मचारियों ने सरकार से अपने लंबित वेतन और नियमितीकरण से जुड़ी मांगों पर शीघ्र निर्णय लेने की अपील की। कर्मचारियों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के वेतन और मानदेय का भुगतान अब तक नहीं किया गया है जबकि सरकार ने बार-बार भुगतान का आश्वासन दिया था।

कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द फैसला नहीं लिया गया तो यह आंदोलन धान उपार्जन सीजन को प्रभावित कर सकता है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवानंद साहू ने कहा अगर सरकार ने शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो 28 अक्टूबर को राज्यस्तरीय प्रदर्शन रायपुर में किया जाएगा जिसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी। जिला सहकारी समिति अध्यक्ष ने बताया कि आज का प्रदर्शन सरकार को चेतावनी देने के लिए है। यदि मांगों को अनसुना किया गया तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।