विधायक छन्नी साहू ने विधानसभा में उठाया एनएमएमएस एप का मामला
कहा– केंद्र के फैसले ग्रामीणों से रोजगार छीन रहे, मनरेगा ठप्प है
मनरेगा में एनएमएमएस एप की अनिवार्यता खत्म हो
मोदी सरकार मनरेगा श्रमिको से कर रहे है खिलवाड़
सत्यमेव न्यूज/राजनांदगांव. खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू ने विधानसभा में 14 मार्च को शून्यकाल में मनरेगा और ग्रामीण मजदूरों से जुड़ा गंभीर विषय सदन में रखा. उन्होंने सदन में बताया कि मनरेगा कार्य में संलग्न मजदूरों के लिए अनिवार्य नेशनल मोबाइल मॉनीटिरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) के मोबाईल एप में आ रही तकनीकी दिक्कतों से मजदूरी कार्य प्रभावित हो रहा है. ऐसे में इस मोबाईल एप की अनिवार्यता तत्काल समाप्त कर ग्रामीणों को राहत दी जाए ताकि उन्हें समय पर रोजगार और भुगतान प्राप्त हो. ग्रामीणों से मिल रही शिकायतों को विधायक छन्नी साहू ने संज्ञान लिया है. उन्होंने सदन में कहा कि जानकारी मिल रही है कि मनरेगा के मजदूरों के लिए अनिवार्य एनएमएमएस का एप काम ही नहीं कर रहा है. ऐसे में मजदूरों को रोजगार भी नहीं मिल रहा है. इस समस्या का समाधान बेहद जरुरी है, एप्प में लगातार आ रही दिक्कतों का यही निराकरण है कि इसकी अनिवार्यता समाप्त की जाए. गौरतलब है कि देशभर में छत्तीसगढ़ राज्य मनरेगा मजदूरों को कार्य देने में प्रथम स्थान पर है किंतु मनरेगा मजदूरों को अब मोदी सरकार की गलत नीतियों व निर्णयों का परिणाम भोगना पड़ रहा है. मनरेगा को मोदी सरकार ने नेशनल मोबाइल मॉनीटिरिंग सिस्टम से जोड़ दिया है जिसमे मजदूरों को कार्यस्थल पर मोबाइल एप के माध्यम से फ़ोटो अपलोड करना पड़ता है किंतु कई दिनों से इस एप का सिस्टम ध्वस्त हो गया है. पिछले कुछ दिनों से इस एप में फ़ोटो अपलोड होना तो दूर यह एप ही खुलना बन्द हो गया है जिससे छत्तीसगढ़ राज्य के हजारों मजदूरों को कार्य से वंचित व मायूस होकर घर वापस लौटना पड़ा रहा है. इसी एप के कारण पिछले 5 सप्ताह का मजदूरी भुगतान भी अटका पड़ा है. विधानसभा में श्रीमती छन्नी चंदू साहू ने बताया कि लगातार क्षेत्र के लोग इससे संबंधित शिकायतें लेकर आ रहे हैं, हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा में ढाई सौ से अधिक गांवों की यात्रा के दौरान भी मजदूर वर्ग ने अपनी परेशानी सामने रखी है. जिस पर मजदूरों के हित में विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से आवाज उठाने का भरोसा उन्हें दिलाया है ताकि सभी मजदूरों के साथ न्याय हो सके व एनएमएमएस सिस्टम से मजदूरों को छुटकारा दिलाकर रोज उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके.
विधायक छन्नी साहू के सामने मजदूरों ने रखी थी समस्या
मजदूर अपनी रोजी रोटी की तलाश में घर के सभी कार्य को छोड़कर सुबह मनरेगा कार्य में जाते है किन्तु एनएमएमएस सिस्टम नहीं खुल पाने के कारण कार्यस्थल से बिना कार्य किये ही वापस उन्हें घर लौटना पड़ता है. इससे मजदूरों को दोहरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक तो घर का कार्य पूर्ण नहीं हो पाता और दूसरी ओर मनरेगा कार्य से भी वंचित होना पड़ता है. इस समस्या को खुज्जी क्षेत्र के मजदूरों ने हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के दौरान अपने क्षेत्र के विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू के समक्ष रखा था.
विधायक ने समस्या के निराकरण का दिया था आश्वासन
क्षेत्र के विभिन्न गांवो के मजदूरों ने विधायक छन्नी साहू के समक्ष अपनी समस्या को अवगत कराया तो विधायक ने उन्हें जल्द समस्या के समाधान की बात कही थी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नहीं चाहती कि देश के मजदूरों को रोजगार मिल सके. इसी उद्देश्य से केंद्र की मोदी सरकार ने मनरेगा के बजट में कटौती की है साथ ही उनको परेशान करने व कम रोजगार देने की कूटनीति के तहत एनएमएमएस को लागू किया है जिससे मजदूर वर्ग बहुत परेशान हो गया है. पूर्व में ऑफलाइन सिस्टम से मस्टररोल के माध्यम एंट्री करके मनरेगा का कार्य व भुगतान होता था किंतु विभिन्न एप का उपयोग कर मनरेगा कार्य को अति जटिल बना दिया है.