भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा आमनेर नदी में निर्माणाधीन पुल

सेतु निगम करा रहा आमनेर नदी पर पुल निर्माण
3 करोड़ 71 लाख की लागत से बन रहा पुल
निरीक्षण में पहुंचे जिपं सभापति व जनपद सदस्य
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. आजादी के बाद से पहली बार ग्राम मुढ़पार और रंगकठेरा को जोडऩे आमनेदी नदी पर निर्माणाधीन पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. पुल निर्माण में इस कदर लापरवाही बरती जा रही है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति किये जाने के बाद भी निर्माण कार्य में सुधार नहीं लाया गया है. मामले की जानकारी होने के पश्चात जिला पंचायत सभापति विप्लव साहू व जनपद सदस्य वंदना वर्मा क्षेत्र के सरपंच प्रतिनिधि जवाहर वर्मा, पंच सुमेरी वर्मा, त्रिभुवन साहू, मन्नू मंडावी कार्यस्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे जहां काम पर लगे प्रभारी समरेंद्र सिंह के द्वारा निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर उन्हें बेहतर जवाब नहीं दिया गया और ग्रामीणों तथा जनप्रतिनिधियों को गोलमोल जवाब देकर बचने की कोशिश करते रहे.

उनसे डिजाइन और स्टीमेट की प्रति मांगी गई तो स्टीमेट ठेकेदार के पास होने की बात कही. पुल के निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य की गुणत्ता को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है निर्माण में कांक्रीटीकरण के समय पुल की दीवार में ठीक से वाइब्रेटर मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया है वहीं पानी की तराई में भी कमी बरती गई है. पिचिंग ब्लॉक बनाने में मानक गुणवत्ता का पालन बिल्कुल नहीं हुआ है तथा अप्रोच रोड में मिट्टी का उपयोग अधिक मात्रा में हुआ है जबकि मुरूम का इस्तेमाल अधिक होना चाहिये था. जनप्रतिनिधियों ने बताया कि ठेकेदार के नुमाइंदे बिना लेबल देखे ही फ्लोर बना रहे हैं और पूछने पर कहते हैं कि बारिश में ऑटोमेटिक बराबर हो जायेगा.

मतलब यह कि केवल अंदाजा लगाकर पूरे पुल का निर्माण करने का खेल चल रहा है. निर्माण कार्य की जानकारी लेने जनप्रतिनिधियों ने उपअभियंता संतोष बिंझवार से दूरभाष पर बात की लेकिन उसने भी बेहतर जवाब देना उचित नहीं समझा और न ही अपने उच् च अधिकारियों से संपर्क करने उनका नंबर दिया गया. घटिया तथा लापरवाहीपूर्वक हो रहे निर्माण कार्य से बौखलाये ग्रामीणों तथा जनप्रतिनिधियों ने विभाग को चेतावनी दी है कि काम को तत्काल रोककर जनप्रतिनिधियों के समक्ष निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिये ताकि जनता की गाढ़ी कमाई से होने वाले निर्माण और इंफास्ट्रक्चर में गुणवत्ता लायी जा सके. ग्रमीणों ने बताया कि पुल निर्माण की जानकारी लेने वालों को मौके पर मौजूद प्रायवेट इंजीनियर बातों में उलझाने का प्रयास करते हैं और अधिकारी तथा ठेकेदार फोन रिसीव नहीं करते. निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है ऐसे में पुल निर्माण का कार्य पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है.