बिना टेंडर ट्रांसफार्मर और 11 केवी लाइन से कनेक्शन, विद्युत विभाग की बड़ी गड़बड़ी आयी सामने

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित (CSPDCL) के खैरागढ़ संभाग अंतर्गत गंडई उपसंभाग में नियमों को ताक पर रखकर विद्युत कनेक्शन देने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विभागीय प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए बिना टेंडर जारी किये 11 केवी लाइन के तार, ट्रांसफार्मर और डीपी लगाकर उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन दे दिया गया। यह कार्य आधिकारिक निविदा जारी होने से तकरीबन डेढ़ महीने पहले ही पूरा कर लिया गया था।
विद्युत कंपनी में नियमों की अनदेखी और मनमानी चरम पर

विद्युत विभाग आम उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने के नाम पर महीनों चक्कर कटवाता है। ज्ञात हो कि विद्युत कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी सेंसन, वर्क ऑर्डर और टेंडर प्रक्रिया की दुहाई देकर लंबी प्रक्रिया अपनाते है लेकिन गंडई में जब बात विभाग के चहेते ठेकेदार की आई तो नियम-कानून की सारी सीमाएं लांघ दी गई। ट्रांसफार्मर लगाया गया खंभों का विस्तार किया गया और बिजली कनेक्शन भी दे दिया गया।
मामला उजागर होते ही विभाग में मची खलबली
बता दे कि जैसे ही मामले की भनक मीडिया को लगी विभागीय अधिकारियों में खलबली मच गई। सूत्रों के मुताबिक गंडई सब्जी मंडी के पास लगे ट्रांसफार्मर को रातों-रात हटवा दिया गया और कनेक्शन काट दिया गया। चौकीदार ने पुष्टि की कि मंडी में पिछले कई महीनों से चल रहा बिजली कनेक्शन अब काट दिया गया है।
उच्च अधिकारियों की पकड़ कमजोर, महकमे में पदस्थ कनिष्ठ अधिकारी कर रहे मनमानी
विद्युत कंपनी के खैरागढ़ संभाग के अंतर्गत गंडई और छुईखदान सर्कल में पदस्थ ए.ई. और जे.ई. की मनमानी लगातार देखने को मिल रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि रायपुर और राजनांदगांव स्थित उच्च अधिकारियों का नियंत्रण इन अधिकारियों पर नहीं रह गया है जिसके चलते खुलेआम नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे ही नियमों के उल्लंघन और मनमानी के चलते बीते कुछ सालों में विभाग के कामकाज के दौरान करंट लगने से लगातार लोगों की मौत भी हो रही है लेकिन विभाग के कानों में जूँ तक नहीं रेंग रही है।
2 लाख से अधिक का कार्य हो गया बिना टेंडर
जानकारी के अनुसार गंडई की हाईटेक सब्जी मंडी में 2 लाख रुपये से अधिक का कार्य बिना किसी निविदा के करवा लिया गया। इस कार्य में सहायक अभियंता (ए.ई.) किरण जांगड़े
द्वारा मनपसंद ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की मंशा साफ नजर आती है। हैरानी की बात यह है कि जिस कार्य को पहले ही पूरा कर लिया गया है उसकी निविदा अब 8 जुलाई को जारी की जा रही है। प्रश्न यह उठता है कि जब कार्य पूर्ण हो चुका है तो निविदा किसे दी जाएगी और उस पर काम क्या किया जाएगा? स्पष्ट है कि ठेकेदार केवल बिल लगाएगा, जबकि फील्ड में कुछ भी नहीं किया जाएगा।
मामले में सहायक और मुख्य अभियंता ने साधी चुप्पी
पूरे मामले में गंडई में पदस्थ सहायक अभियंता किरण जांगड़े का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया वहीं मीडिया द्वारा पूछे जाने पर विभाग के मुख्य अभियंता ने इस विषय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। फिलहाल विद्युत विभाग मामले को लेकर लीपापोती में जुट गया है।