जिले में नहीं थम रही पटवारियों की मनमानी बिना जानकारी बदल दी किसान की पुश्तैनी जमीन

पीड़ित परिवार ने पत्र वार्ता लेकर रखी अपनी कथा-व्यथा
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. पटवारी से लेकर आयुक्त तक अपनी ही जमीन का हक पाने दो साल से चक्कर लगाकर थक चुके जिले के सुदूर वनांचल में बसे ग्राम साल्हेवारा के किसानों ने जिला पत्रकार संघ में प्रेसवार्ता लेकर कहा कि राजस्व विभाग की लापरवाही के चलते उनकी पुश्तैनी जमीन का कब्जा अब तक नहीं मिल सका है। साल्हेवारा के किसान बंशीलाल मरार सहित अन्य किसानों ने बताया कि हल्का पटवारी की गड़बड़ी का खामियाजा भुगतने के बाद मामले में तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर और कमिश्नर तक आवेदन देकर थक चुके हैं लेकिन सरकार की जीरो टॉरलेंस का लाभ अब तक साल्हेवारा नहीं पहुँच पाया है।
पटवारी का आतंक अब अपना हक अपने चक्कर लगा रहा किसान
जमीन का हक पाने दो साल से दफ्तरों का चक्कर लगा रहे बंशीलाल ने परिजनों की उपस्थिति में बताया कि उनकी परदादी के नाम पर साल्हेवारा के खसरा नंबर 157/2 की 0.162 हेक्टेयर जमीन को पटवारी ने भूअभिलेख में गड़बड़ी कर दूसरे के नाम पर कर दी है। छह माह पहले तक वह जमीन परदादी दयावती के नाम पर दर्ज था। अन्य के साथ मिलकर जमीन का खसरा बदल दिया। किसान बंशीलाल सहित परिजनों ने बताया कि पटवारी राजेन्द्र साहू से सीमांकन के लिये कहने पर वह परिजनों और पीड़ित पर पटवारी से गाली गलौच और मारपीट का आरोप लगाकर बार बार साल्हेवारा थाने में झूठी शिकायत कर रहा है। जिसके चलते थाना के पुलिस कर्मी परिजनों और पीड़ित को परेशान कर रहे हैं। परिजनों ने भूमि का कब्जा दिलाने जिला प्रशासन से न्याय मांगा हैं। किसान बंशीलाल मरार ने बताया कि मामले में सितंबर में सांसद संतोष पांडे के समक्ष भी शिकायत किया था। सांसद पांडे ने तत्कालीन तहसीलदार को सीमांकन करने के आदेश दिये थे जिस पर तहसीलदार ने दो दिन में कार्यवाही पूरी करने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक सीमांकन की कार्यवाही दंबगों के दबाव में रोक दी गई है और सांसद संतोष पांडे के आदेश की भी खुलेआम अवहेलना की गई। मामले में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कमिश्नर दुर्ग तक आवेदन दिया गया लेकिन कार्यवाही अभी तक नहीं हो पाई हैं। किसान बंशीलाल ने बताया कि दो साल से दर दर भटकने के बाद भी न्याय नहीं मिलने से उनका मकान नहीं बन पा रहा है और वह अपनी ही जमीन पाने दर-दर भटक रहा है। तहसीलदार के साथ ही छुईखदान एसडीएम ने भी मामले में कार्यवाही की बजाय आवेदक को ही गलत होने का हवाला दे दिया। भूमि मालिक मेहतर कलार, सीलूराम पटेल व कहर सिंह भी परेशान हैं।