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छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रस्तुत बजट में मोदी की गारन्टी अधूरी- कमलेश्वर

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ केसीजी के जिला अध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ने राज्य के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये स्कूल भवनों के निर्माण के लिये 30 करोड़ का प्रावधान किया है तथा स्टार्टअप के लिये अलग से बजट एवं ई.गावर्नेस् को बढ़ावा देने शिक्षा में नवाचार गतिविधियों को बढ़ावा, नालन्दा परिसर के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षा में युवाओं को तैयारी के लिये मदद मिलेगी। इसका शिक्षकों ने स्वागत किया है किन्तु शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिये यह पर्याप्त नहीं है। शासन द्वारा सहायक शिक्षकों को पदोन्नति कर प्राधन पाठक बना दिया है वहीं शिक्षक को पदोन्नत कर माध्यमिक विद्यालयों में प्रधान पाठक नियुक्त कर दिया गया 1998 से निरंतर 30 वर्ष से व्याख्याता के एक ही पद पर कार्यरत कर्मचारी को ना तो पदोन्नति दी गई है और ना ही क्रमोन्नत वेतनमान। एक ओर सहायक शिक्षक के 30 हजार तथा 10 हजार शिक्षक के पद रिक्त होंगे ऐसे में कैसे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की अपेक्षा की जा सकती है। वर्तमान सरकार में बैठे प्रतिनिधियों ने अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र बताते हुये मोदी की गारंटी पूरा करने प्रचार किये थे और शिक्षक (एल बी) सवर्ग को पूर्व सेवा की गणना कर पेशन एवं चार स्तरीय समयमान वेतन देने वचन दिये थे पर बजट मे पुरानी सेवा की गणना करते हुये एक ही पद 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण तिथि से प्रथम 20 वर्ष में द्वितीय तथा 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय उच्चतर वेतनमान देने एवं पुरानी पेंशन का लाभ देने घोषणा की आशा थी जिससे लगभग 1.50 हजार शिक्षकों को लाभ मिलता। जब तक एक विभाग मे कार्यरत शिक्षकों को क्रमोन्नति एवं पेंशन का लाभ दे रहे वहीं शिक्षक (एल बी) के साथ दोहरा मापदंड अपना जा रहा है। शिक्षकों से समाज और अधिकारियों को बहुत अपेक्षा रहती है कि वे विभाग के काम को सहजता एवं सरलता से जिम्मेदारीपूर्वक करें परंतु जहाँ उन्हें आर्थिक लाभ देने की बात आती है तो अनचाहे नियम कानून आड़े आ जाते है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ केसीजी के जिलाध्यक्ष डॉ.कमलेश्वर सिंह ने सरकार से अनुरोध किया है कि अभी भी बजट जारी है चाहे तो सरकार बजट सत्र में पदोन्नति से वंचित शिक्षक (एल बी) सवर्ग को उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर डबल बैंच द्वारा पारित के परिपालन में पूर्व सेवा की गणना करते हुये प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान में उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवं ग्रेड पे प्रदान करने की घोषणा विधानसभा में कर सकते है जिससे न्यायालय की अवमानना से बचा जा सकता है और मोदी की गारंटी का वचन भी पूरा हो सकता है।

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