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बगैर चेतावनी पानी छोड़ा, खैरागढ़ में फिर उमड़ा बाढ़ का कहर– कांग्रेस

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. प्रधान पाठ बैराज से बिना किसी पूर्व सूचना या अलर्ट के अचानक छोड़े गए पानी ने एक बार फिर खैरागढ़ में तबाही का मंजर खड़ा कर दिया। कांग्रेस नेताओं ने खैरागढ़ में बाढ़ के बाद यह आरोप लगाया है। शनिवार सुबह जब लोग अपने दैनिक कामकाज में व्यस्त थे तब बाढ़ के पानी ने चुपचाप शहर और ग्रामीण अंचलों में दस्तक दी। कुछ ही घंटों में इतवारी बाजार सहित कई इलाकों में घर, दुकानें और सड़कें जलमग्न हो गईं। ईतवारी बाजार के व्यापारियों के अनुसार लाखों रुपये का माल बर्बाद हो गया। खेतों में खड़ी फसलें तेज बहाव में बह गई जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। मौके पर पहुंचे विधायक प्रतिनिधि व कांग्रेस नेता मनराखन देवांगन ने कहा यह प्रशासन की घोर लापरवाही है। बिना चेतावनी पानी छोड़ना जनता की जान-माल के साथ खिलवाड़ है।” उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल बाढ़ पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है और अब फिर से वही हालात बन रहे हैं लेकिन प्रशासन सिर्फ कागजों में राहत कार्य कर रहा है। ग्रामीण इलाकों और पिछड़ी बस्तियों में लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। राहत शिविरों की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और पीने के पानी, भोजन व प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा का भी भारी अभाव बना हुआ है। स्थानीय नागरिकों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और प्रभावितों को शीघ्र मुआवजा एवं आवश्यक राहत दी जाए।

जिले में आई बाढ़ को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में बैराज गेट खोलने को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। इस बीच जल संसाधन विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रधान पाठ बैराज का गेट खोला नहीं गया बल्कि वह पहले से ही खुला था। विभाग के अनुसार बैराज के तीन गेट पहले से ही डैमेज हो चुके हैं और बाढ़ की आशंका को देखते हुए चौथा गेट हमेशा खुला रखा जाता है। जल संसाधन विभाग खैरागढ़ के उप अभियंता लाकेश वर्मा ने कहा, “प्रधान पाठ बैराज के तीन गेट पहले से ही क्षतिग्रस्त हैं और चौथा गेट हमेशा खुला रखा जाता है। ऐसे में गेट खोलने की बात भ्रामक है।”

बाढ़ की स्थिति को लेकर मिली जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह 5:30 बजे से ही खैरागढ़ के वनांचल क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बनना शुरू हो गए थे। पहाड़ी क्षेत्रों में रातभर हुई भारी बारिश के कारण प्रधान पाठ बैराज में अलसुबह से ही पानी का तेज़ बहाव आने लगा था। सुबह 6:50 बजे बैराज में जलस्तर 15 मीटर हाइट तक पहुंच गया था जो सुबह 9:00 बजे तक स्थिर बना रहा। इसके बाद पानी के अत्याधिक दबाव के कारण बैराज से 667.50 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पानी निकलने लगा जिससे खैरागढ़ में बाढ़ का स्तर तेजी से बढ़ गया।

बैराज के गेट को लेकर एक बार फिर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। विपक्ष द्वारा बाढ़ की स्थिति के लिए छत्तीसगढ़ शासन व प्रशासन के जल संसाधन विभाग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जबकि विभाग इस बात पर अडिग है कि हालात प्राकृतिक हैं और सभी व्यवस्थाएं पहले से बनाई गई थीं।

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