ऐतिहासिक महत्व के मंडीप खोल गुफा का कलेक्टर ने लिया जायजा

चंद्रकांत दुर्गम रास्तों से चलकर घने जंगलों के बीच गुफा तक पहुंचने वाले पहले कलेक्टर
अक्षय तृतीया के बाद पहले सोमवार को पर्यटकों के लिए खुलेगी गुफा
गुफा खोलने से पहले व्यवस्था सुनिश्चित करने कलेक्टर ने दिये निर्देश
गुफा खुलने से पहले होगी सुरक्षा सहित सफाई एवं अन्य सुविधा दुरुस्त
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को बल देते हुये इसके विकास के लिये प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कलेक्टर चन्द्रकांत वर्मा ने जिले के छुईखदान विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ठाकुरटोला के सघन जगलों के बीच स्थित ऐतिहासिक मंडीप खोल गुफा का निरीक्षण किया. उन्होंने मंडीप खोल गुफा का निरीक्षण करते हुए पूजा-अर्चना के लिए गुफा खोलने से पहले सुरक्षा का खास ख्याल रखते हुए साफ-सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए. इसके अलावा गुफा के आसपास स्थित अन्य स्थलों का भी निरीक्षण किया. यह गुफा हर साल अक्षय तृतीया के बाद पहले सोमवार को पर्यटकों के लिए खुलती रही है, जहां सैकड़ों की संख्या में पर्यटक गुफा में धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं. कलेक्टर श्री वर्मा ने निरीक्षण के दौरान दर्शनार्थियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जनपद पंचायत छुईखदान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जेएस राजपूत को मार्ग की सफाई के साथ अन्य अव्यवस्था करने व लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर बविंदर सिंह को रोड निर्माण की वजह से उड़ रहे धूल को कम करने के लिए पानी के छिड़काव करने के निर्देश दिए. इसके अलावा सुरक्षा के लिये पुलिस विभाग के अधिकारीयों को भी निर्देशित किया कि भीड़ अधिक होगी, जिसे नियंत्रित करना पुलिस प्रशसन की जिम्मेदारी होगी. साथ ही वन विभाग के अधिकरियों को बांस तथा बल्लियों के बैरिकेटिंग तैयार करने कहा जिसमें गुफा के अंदर श्रध्दालु क्रम अनुसार प्रवेश हो पाए.
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं है. जिसके विकास के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में ऐतिहासिक और पुरातन महत्व के धरोहर स्थित है, यहां प्रचीन मंदिरों के अलावा प्राकृतिक सौंदर्य भी भरपूर है, जिन्हें सबके प्रयास से विकसित कर जिले को पर्यटन हब के रूप में विश्व पटल पर लाने समुचित प्रयास की आवश्यकता है. इस अवसर पर एसडीएम छुईखदान सुश्री रेणुका रात्रे, कार्यपालन अभियंता विद्युत छगन शर्मा, नायाब तहसीलदार साल्हेवारा अमरदीप अंचल सहित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे. गौरतलब है कि जिले के छुईखदान विकासखण्ड के ग्राम ठाकुरटोला के समीप सघन घने जंगलों के बीच मंडीप खोल स्थित है. गुफा को प्रतिवर्ष अक्षय तृतीया के बाद प्रथम सोमवार को पर्यटकों के लिए खोला जाता है. जिसमें छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यों के पर्यटक भी बड़ी संख्या में मंडीप खोल गुफा को देखने पहुंचते हैं. मान्यता अनुरूप ठाकुरटोला के जमींदार परिवार द्वारा ही मंडीप खोल गुफा की प्रथम पूजा-अर्चना की जाती है. यह एक ऐतिहासिक गुफा है, जो कि रियासतकालीन परंपराओं के तहत आज भी अंचल में दर्शनीय व पूज्यनीय मानी जाती हैं. ज्ञात हो कि गुफा के आसपास अनेक दर्शनीय स्थल भी है, जो पर्यटन के रूप में प्रचलित है. ठाकुरटोला के ग्रामीणों ने बताया कि यहां आने वाले पर्यटक सर्वप्रथम सेतगंगा के नाम से प्रचलित कुंड पर स्नान के पश्यात मंडीप खोल गुफा के अंदर शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते है. सेतगंगा कुंड की ऐसी मन्याता है कि यहाँ का पानी गंगा जल की तरह शुध्द है, जो कभी खराब नहीं होता और ना ही इस जल में कीडे लगते है. ठाकुरटोला के सरपंच ने बताया कि यहीं सेतगंगा कुंड के अंदर चमगादड़ गुफा के नाम से विख्यात गुफा है. जिसमें हजारों की संख्या में चमगादड़ रहते है जहां दिन में भी काफी अंधेरा होता है, यहां के पत्थरों पर टर्च की रौशनी तारों की तरह प्रतीत होता है. पिछले वर्ष यहां पांच दिवसीय यज्ञ का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों श्रध्दालु शामिल हुए थे. जिनके रूकने और खाने-पीने की व्यवस्था ग्रामीणजन आपस में सहयोग करके व्यवस्था करते है. पं.राधामोहन ने बताया कि यह विश्व का छठवां तथा भारत का दूसरा गुफा है जहाँ के अंतिम हिस्से तक कोई नहीं पहुंच पाया हैं और यह गुफा अब भी अबूझ और रहस्यमयी हैं. कहा जाता है कि गुफा के अधिक गहराई में जाने पर तालाब जैसा कुंड मिलता हैै.