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चरक ऋषि के मार्ग पर चलकर अद्भुत काम कर रही मनोहर गौशाला: उप राष्ट्रपति

सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. जिला मुख्यालय के धरमपुरा स्थित बहुप्रतिष्ठित मनोहर गौशाला के कार्यों की उपराष्ट्रपति ने सराहना की है. उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि चरक ऋषि के मार्ग पर चलकर मनोहर गौशाला गोबर को लेकर जो काम कर रही है, वह अद्भुत है. गोबर से बनी चीजें वास्तविक रूप में अद्वितीय है. यह सिर्फ किताबों में पढ़ा था, पहली बार ऐसी चीजें देख रहा हूं. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस पर आयोजित किसान प्रदर्शनी में शामिल होने पहुंचे उपराष्ट्रपति ने मनोहर गौशाला खैरागढ़ के स्टॉल पर पहुंचकर करीब 5 मिनट बताया और मनोहर गौशाला की इस कार्य के लिए जमकर सराहना की. मनोहर गौशाला के मैंनेजिंग ट्रस्टी पदम डाकलिया (अखिल जैन) ने उप राष्ट्रपति को कामधेनु सौम्या का छायाचित्र, गोबर से बने भगवान गणेश की प्रतिमा, गोबर से बने दीये, गोबर से बनी चटाई और गोबर से बने मनके की माला भेंट की उन्होंने उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ को बताया कि उनके पास अद्वितीय 27 लक्षणों से युक्त एक मात्र कामधेनु गाय है. उन्होंने अब तक 1 लाख लीटर गौमूत्र एवं जैविक पदार्थों से बने निःशुल्क फसल अमृत का वितरण किया है. इसके अलावा 75 हजार किसानों ने फसल अमृत बनाने की ट्रेनिंग ली है. उपराष्ट्रपति ने श्री डाकलिया के गौ सेवा एवं किसान हितैषी कार्यों की सराहना की. फसल अमृत बनाने 400 किसानों ने ट्रेनिंग ली हैं.

प्रदर्शनी में 400 किसानों को फसल अमृत बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. सभी किसानों को फसल अमृत की बॉटल निशुल्क दी गई. इस दौरान किसानों ने अपनी फसलों में इस फसल अमृत का छिड़काव करने का संकल्प लिया. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.गिरीश चंदेल ने इस कार्य की सराहना भी की.

राज्यपाल राजभवन में कर रहे फसल अमृत का छिंड़काव
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन द्वारा राजभवन के गार्डन में फसल अमृत का छिड़काव किया जा रहा है. बीते दिनों मनोहर गौशाला की ट्रस्टी ने राजभवन पहुंचकर उन्हें फसल अमृत भेंट की थी, तब से वे राजभवन के सभी गार्डनों में इसी का छिड़काव करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह सचमुच फसलों के लिए अमृत है, जो उन्हें नया जीवनदान दे रही है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि मनोहर गौशाला बहुत अच्छा कार्य कर रही है. इसे बड़े स्तर पर ले जाने की जरूरत है, ताकि बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हो सकें. बता दें कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मनोहर गौशाला में गोबर से बनीं चीजों को लेकर रिसर्च कर रहा है. इसके लिए कई वैज्ञानिक लगे हुए हैं.

Satyamev News

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