अखबारों में खाद्य सामग्री पैक नहीं करने खाद्य अधिकारी ने दिये निर्देश

अखबार के रंजक शरीर में पैदा करती है गंभीर बीमारी
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार कलेक्टर गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन में जिले के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा खाद्य सामग्रियों (विशेष कर तले हुये सामग्रियों) को पैक करने अखबार या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का इस्तेमाल बंद करने निर्देश दिया गया है. खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी अंगेश्वरी कचलाम ने बताया कि अक्सर चौक-चौराहों में संचालित होटल, रेस्टोरेंट, ठेला चालकों के द्वारा खाद्य सामग्रियों यथा बड़ा, समोसा, पकौड़े इत्यादि को पैक करने या वितरित करने के लिये अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का इस्तेमाल किया जाता है. कम लागत व आसानी से उपलब्ध होने के कारण खाद्य सामग्रियों को रखने या पैक करने के लिये अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का उपयोग किया जाता है जो कि मानव स्वास्थ सुरक्षा की दृष्टि से नुकसान दायक होता है. ज्ञात हो कि इस संबंध में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन छाग द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर खाद्य सामग्रियों के वितरण या भंडारण के लिये अखबारी पेपर्स या अन्य प्रिंटेड पेपर्स के उपयोग को हतोत्साहित कर बंद करने का निर्देश दिया गया है.
कलेक्टर गोपाल वर्मा के निर्देशन में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने जानकारी दी है कि अखबारों या प्रिंटेड पेपरों की छपाई के लिये प्रयुक्त स्याही में डाइ-इन- आइसोम्यूटाइलेट, डाई आइसो ब्युटाइल समेत कई तरह के रंजक होते हैं जो गीली या तैलीय खाद्य सामग्रियों के साथ हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे पाचन तंत्र संबंधी समस्या एलर्जी, टॉक्सीसिटी सहित कई गंभीर बीमारियों के लिये हमारे प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर हो जाते हैं. विभाग द्वारा खाद्य कारोबारकर्ताओं सहित आमजन से भी अपील की गई है कि अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का उपयोग खाद्य सामग्रियों के लिये ना करें और किसी अन्य को ना करने दें. बार-बार समझाइश के बाद भी किसी खाद्य व्यापारी द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ई-मेल आईडी या स्थानीय जिला कार्यालय में संपर्क कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा उक्त निर्देशों के पालन के लिये जनजागरूकता अभियान सहित चरणबद्ध रणनीति तैयार कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी.