कांग्रेस की मिशन संडे टीम ने श्रमदान कर दिखाया जनसेवा का ज़ज़्बा, उपेक्षित शवगृह परिसर की सफाई कर पेश की मिसाल

टीम ने कहा केवल शिकायतों पर नहीं समस्याओं का समाधान भी करना है
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. कांग्रेस की मिशन संडे टीम ने रविवार को श्रमदान कर जनसेवा का ज़ज़्बा दिखाया और सिविल अस्पताल के उपेक्षित शवगृह परिसर की सफाई कर एक अलग मिसाल पेश करने की कोशिश की। टीम के नेतृत्वकर्ता मनराखन देवांगन ने सफाई अभियान के बाद कहा हमें केवल शिकायतों पर नहीं समस्याओं के समाधान के लिये भी सार्थक प्रयास करना होगा। ज्ञात हो कि विधायक यशोदा वर्मा के निर्देश पर ‘मिशन संडे’ टीम ने एक बार फिर अपने सामाजिक सरोकार का परिचय देते हुए रविवार को शासकीय अस्पताल परिसर स्थित शव गृह के मुख्य मार्ग और आंतरिक क्षेत्र में श्रमदान किया। टीम ने संयोजक मनराखन देवांगन के नेतृत्व में सफाई अभियान चलाकर क्षेत्र की बिगड़ती स्वच्छता स्थिति पर मूक विरोध जताया और जनहित में श्रमदान कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। शवागृह परिसर के सामने मुख्य मार्ग पर लंबे समय से बड़ी-बड़ी कंटीली झाड़ियां और गंदगी का अंबार जमा था वहीं मृतकों के परिजनों के बैठने के लिए लगी कुर्सियों पर भी झाड़ियां उग आई थी जिससे शोक संतप्तजनों को परेशानी हो रही थी।
सुबह से ही टीम ने श्रमदान करने बनाई योजना और परिसर को स्वच्छ किया
मिशन संडे की टीम ने सुबह-सुबह फावड़ा, कुल्हाड़ी और अन्य औजार लेकर अभियान की शुरुआत की और दोपहर तक अथक मेहनत कर पूरे परिसर को स्वच्छ रूप प्रदान किया इसके लिये टीम के सदस्य व नपा के नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन, कांग्रेस नेता विप्लव साहू, अरुण भारद्वाज, पूरन सारथी, रविंद्र सिंह गहरवार, महेश यादव, हरिदर्शन ढीमर, सूर्यकांत यादव समेत मिशन संडे के दर्जन भर सदस्य उपस्थित रहे।
जनहित सर्वोपरि, न कोई आरोप न कोई शिकवा
संयोजक मनराखन देवांगन ने कहा कि “मिशन संडे केवल शिकायतें और भ्रष्टाचार उजागर करने तक सीमित नहीं रहेगा। हम जनहित के कार्यों में सीधे मैदान में उतरकर योगदान देते रहेंगे।” देवांगन ने यह भी बताया कि शवगृह परिसर में प्रशासन के द्वारा वर्षों से सफाई नहीं की गई थी। इसकी जानकारी हमारी टीम को मिली और सभी ने बिना किसी शासन-प्रशासन पर आरोप लगाए खुद श्रमदान कर परिसर की तस्वीर बदलने की कोशिश की है। इस अभियान में सभी ने एकजुट होकर क्षेत्रवासियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण की दिशा में उल्लेखनीय योगदान देने की अनुकरणीय पहल की है। निश्चित ही मिशन संडे का यह प्रयास न केवल एक जागरूक नागरिक पहल है बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब जनता खुद पहल करती है तो बदलाव की सकारात्मक शुरुआत होती है।