हनईबन समिति में हुये फर्जी धान खरीदी में आया नया मोड़
शिकायतकर्ता ने अधिकारियों पर लगाया गलत जांच का आरोप
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. छुईखदान ब्लॉक के ग्राम हनईबन में हुये फर्जी धान खरीदी के मामले में नया मोड़ सामने आया है। शिकायतकर्ता पूर्व लेखापाल चोवाराम साहू ने अधिकारियों पर ही गलत जांच का आरोप लगाया है। जानकारी अनुसार बीते हनईबन समिति के पूर्व लेखापाल चोवाराम साहू निवासी जगमड़वा ने 21 मई को कलेक्ट्रेट पहुंचकर हनईबन समिति में गड़बड़ी और धान खरीदी में भ्रष्टाचार सहित 5 बिन्दुओं में शिकायत की थी जिसके बाद अधिकारियों ने मामले की जांच भी की है। वर्तमान में शिकायतकर्ता चोवराम ने अब अधिकारियों की जांच पर ही सवाल खड़ा करते हुये गलत जांच का आरोप लगाया है। चोवाराम ने हनईबन समिति के खिलाफ फर्जी धान खरीदी के संबंध में साक्ष्य भी प्रस्तुत किया था जिसमें ग्राम बागुर निवासी संजय सिंह राजपूत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 व 2023-24 में धान खरीदी से पहले अपने जमीन 351/1 का पंजीयन कराया। प्रबंधक से मिलीभगत कर सम्बलपुर निवासी संगीता की जमीन 3.36 हेक्टेयर को संजय सिंह राजपूत के नाम फर्जी तरीके से संशोधन किया जो नियम विपरीत है। साक्ष्य देने के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों ने सही जांच नहीं किया है। शिकायतकर्ता चोवाराम साहू का कहना हे कि उसने समित में 11 साल काम किया है और उन्हें अनुभव भी है कि रेगहा नामा (किरायानामा) या अधियानामा कैसा होता है। उन्होंने जितना साक्ष्य दिया है उससे स्पष्ट है कि समिति में फर्जीवाड़ा किया गया है उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा रेगहानामा या किरायानामा बताकर गुमराह किया जा रहा है। मामले में चोवाराम ने यह भी बताया कि हनईबन समिति में वह लेखापाल के पद पर काम करता था जिसका सात माह का वेतन भुगतान शेष है जिसे भी अभी तक नहीं दिया गया है। वेतन दिलाने 6 फरवरी को कलेक्टर जनदर्शन में मांग की गई।
गलत पत्र के जरिये खुद वेतनवृद्धि करने का लगाया आरोप
चोवाराम ने प्रबंधक रूपनारायण हिरवानी पर आरोप लगाते हुये कहा कि जिला सहकारी बैंक राजनांदगांव के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बैंक में कार्यरत कर्मचारी की वेतनवृद्धि करने वर्ष 2014-15 में आदेश जारी किया था, जो सहकारी समिति के कर्मचारी के संबंध में नहीं था परंतु हनईबन समिति प्रबंधक ने उक्त पत्र को माध्यम बनाकर वित्तीय वर्ष 2015-16 में अपना वेतनवृद्धि कर 20 हजार रूपये कर लिया। जिसके बाद पुनः उसी पत्र को माध्यम बनाकर वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रबंधक ने अपना वेतन बढ़ाकर 28 हजार 760 रूपये कर लिया है।