सहसपुर दल्ली में झोलाछाप डॉक्टर का आतंक-बी.फार्मा डिग्री के सहारे पांच साल से ग्रामीणों की जान से खिलवाड़

स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी से बढ़े हौसले
बिना अनुमति खुलेआम चल रहा क्लिनिक
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का जाल अब गांव-गांव तक फैल चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में फर्जी चिकित्सक खुलेआम क्लिनिक खोलकर भोले-भाले ग्रामीणों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की कमजोरी और विभागीय लापरवाही ने इन तथाकथित डॉक्टरों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। राजनीतिक संरक्षण और निरीक्षण की कमी के चलते यह लोग कानून की परवाह किए बिना इलाज के नाम पर अवैध कारोबार चला रहे हैं।
सहसपुर दल्ली में चल रहा एस.के. विश्वास का अवैध क्लिनिक
जिला मुख्यालय से करीब 13 किलोमीटर दूर ग्राम सहसपुर दल्ली में पिछले पांच वर्षों से एस.के. विश्वास नामक एक बंगाली व्यक्ति अवैध रूप से क्लिनिक संचालित कर रहा है। मूल रूप से कोलकाता निवासी विश्वास दावा करता है कि उसने बी.फार्मा की पढ़ाई की है और उसी डिग्री के सहारे मरीजों का इलाज कर रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार वह न केवल दवाइयां लिखता है बल्कि इंजेक्शन, ड्रिप (बॉटल) चढ़ाना और गंभीर बीमारियों का उपचार भी करता है। जबकि नियम स्पष्ट हैं कि बी.फार्मा डिग्रीधारक को मरीजों का इलाज करने, दवा लिखने या इंजेक्शन लगाने की अनुमति नहीं है।
ग्रामीणों की जान पर बन आई, डर और पैसे से दबाए जाते हैं मामले
ग्रामीणों ने बताया कि एस.के. विश्वास के पास अधिकतर गरीब और अशिक्षित लोग ही पहुंचते हैं जो आर्थिक तंगी या दूरी की वजह से शहर या सरकारी अस्पताल नहीं जा पाते। गलत दवा या इंजेक्शन से कई बार मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है मगर ऐसे मामलों को डर और पैसे के बल पर दबा दिया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार यह झोलाछाप खुलेआम कहता है कि मेरी ऊपर तक पहुंच है और मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
स्वास्थ्य विभाग अब आया हरकत में, सीएमएचओ ने दी कार्रवाई की चेतावनी
इस पूरे मामले में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ.एन. नवरतन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सहसपुर दल्ली में संचालित अवैध क्लिनिक की जानकारी मिली है।
उन्होंने कहा उक्त झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए टीम भेजी जाएगी। निरीक्षण के बाद आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में कभी भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस क्लिनिक का निरीक्षण नहीं किया। सवाल यह भी उठता है कि इतने लंबे समय से बिना पंजीकरण और अनुमति के क्लिनिक कैसे संचालित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की यह चुप्पी ग्रामीणों के लिए खतरनाक साबित हो रही है।
क्षेत्र की जागरूक जनता की मांग- अवैध क्लिनिक पर तुरंत कार्रवाई हो
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि एस.के. विश्वास जैसे फर्जी डॉक्टरों पर कठोर कार्रवाई की जाए और गांवों में नियमित निरीक्षण अभियान चलाया जाए ताकि आमजन को सही और सुरक्षित इलाज मिल सके।
 
 

 
						