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शहीद नगरी छुईखदान में भूपेश बघेल की अगुआई में हुआ किसान बैठक का महाआयोजन

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। शहीद नगरी छुईखदान में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुआई में विशाल किसान बैठक का आयोजन हुआ जिसमें जिले के विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। सभा में कृषि संकट, धान खरीदी, मुआवजा, सीमेंट फैक्ट्री परियोजना और भाजपा सरकार की नीतियों पर तीखी चर्चा हुई। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि धान खरीदी में किसान बेहद परेशानी झेल रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बिडौरी में वक किसान का 12 एकड़ है लेकिन पूरा धान नहीं बेच पा रहे। श्रवण कुमार के सवा एकड़ रकबे में से एक एकड़ गायब है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों और जनता को गुमराह कर रही है तथा केंद्र सरकार के नए आदेश के अनुसार जिन लोगों को योजना के तहत जमीन मिली है वे धान नहीं बेच पाएंगे। बघेल ने कहा कि किसान टोकन के लिए पटवारी से लेकर कलेक्टर और भाजपा नेताओं के पास तक भटक रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विष्णुदेव साय सरकार में किसान अपना गला काटने को मजबूर हो चुके हैं। मीडिया के एक हिस्से पर भी कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता और किसानों की समस्या को उजागर नहीं किया जा रहा है।

सीमेंट फैक्ट्री के मुद्दे पर बघेल ने संडी, भरदागोंड, विचापुर सहित 37 गांवों के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि परियोजना के विरोध में किसानों ने जो ताकत दिखाई वह सराहनीय है। उन्होंने ग्रामीणों को चेताया कि फैक्ट्री के लिए जमीन हासिल करने दलाल सक्रिय हैं इसलिए किसी बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश न करने दें। जिला प्रशासन को भी इस मामले में संज्ञान लेने को कहा। मुआवजा प्रकरणों पर उन्होंने राहुल गांधी की नीति अनुरूप किसानों को चार गुना मुआवजा देने की मांग की। इसी दौरान जब उन्होंने किसानों से पूछा कि सीमेंट फैक्ट्री खोलनी है या नहीं? तो किसानों ने एक स्वर में कहा फैक्ट्री नहीं खोलना है। बघेल ने ग्रामीणों को सलाह दी कि हिंसा नहीं, युक्ति से काम करें। हम गांधीवादी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की बदले की राजनीति के कारण उनके पुत्र को पांच माह से जेल में रखा गया है पर वे “मोदी, शाह, अडानी और विष्णुदेव साय से नहीं डरते।

किसान नेता और जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष नवाज़ खान ने कहा कि मजबूर होकर किसान अपना गला काट रहे है। दो साल पहले भूपेश बघेल की सरकार में किसान खुश थे लेकिन अब भाजपा शासन में टोकन नहीं मिलने से किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हैं।

खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा ने कहा कि भूपेश सरकार में प्रदेश खुशहाल था पर अब विपरीत हालात हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को कुत्ता ढूंढने जैसे गैर-शैक्षणिक कार्य दिए जा रहे हैं जो शर्मनाक है। मुआवजे के नाम पर किसानों को ठगा गया है और सीमेंट परियोजना के नाम पर क्षेत्र के किसानों से छल किया जा रहा है।

डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता स्वामी बघेल ने कहा कि विष्णुदेव साय सरकार में किसानों पर इतना अन्याय हुआ है जो छत्तीसगढ़ में पहले कभी नहीं। जिला अध्यक्ष कोमल दास साहू ने भूपेश बघेल को किसानों का मसीहा बताया। गंडई नगर पंचायत अध्यक्ष टारकेश्वर शाह, छुईखदान नगर पंचायत पूर्व अध्यक्ष गिरिराज किशोर दास, गिरवर जंघेल, मोतीलाल जंघेल, कामदेव जंघेल और गुलशन तिवारी ने भी प्रदेश सरकार पर किसानों की आवाज दबाने और सीमेंट फैक्ट्री थोपने के आरोप लगाए। कार्यक्रम का संचालन पं.मिहिर झा ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता जनप्रतिनिधि और जिले के किसान मौजूद रहे।

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