बूंद-बूंद पानी के लिये मोहताज ग्राम चारभाठा के ग्रामीण
जल संकट: जिले का एक गांव जहाँ बन गये हैं राजस्थान जैसे हालात
400 से 500 फीट नीचे गिरा जल स्तर
कुएं और हेंडपंप भी सूख गये
लाखों खर्च करने पर भी ग्रामीणों की नहीं बूझ पा रही प्यास
पांच साल पहले बने टंकी से अब तक नहीं मिला पानी
सरकार की जल जीवन मिशन ने भी तोड़ दिया दम
हेंडपंपों से निकल रही हवा
ग्रामीणों को निजी बोर के सहारे मिल रहा आधा पानी
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. जिले के खैरागढ़ जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम चारभाठा में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रहे हैं. यहां हालात राजस्थान जैसे ही है. गांव में स्थित हेंडपंप सूखने की वजह से ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि द्वारा प्रस्ताव करके निजी बोर से पानी खरीद कर ग्रामीण तक पानी पहुंचाया जा रहा हैं. गांव के हेंडपंपो से पानी की जगह अब हवा निकलना शुरू हो गया हैं. गर्मी के मौसम शुरू होते ही गांव में पानी की विकराल समस्या हो गई हैं.
4 साल पहले करोड़ों की लागत से बने पानी टंकी बना शो-पीस
शासन की राशि से मलाई खाने में मशहूर पीएचई विभाग द्वारा 4 साल पहले चाराभाठा में पानी टंकी बनाया गई थी लेकिन अभी तक एक भी बार टंकी से पानी घर तक नहीं पहुंच पाया हैं. शासन द्वारा करोड़ रूपये खर्च करके गांव की ग्रामीणों को पानी पंहुचाने का काम किया जा रहा हैं लेकिन चाराभाठा के ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पाया हैं. ग्रामीणों को कहना है कि पानी टंकी बनाने के बाद उम्मीद जागी थी लेकिन टंकी में पानी पंहुचाने जो बोर खनन कराया गया था उसमें कम पानी निकलने व वाटर लेबल नीचे जाने के कारण टंकी में पानी अब पहुंच ही नहीं पाया है.
गांव में 23 बोरिंग, लेकिन 20 में निकल रही सिर्फ हवा
ग्रामीणों ने बताया की चारभाठा में 23 हैंडपंप और 3 बोरवेल है जिसमे सिर्फ 3 हैंडपंप में थोड़ा ही पानी निकलता है जिसमें 2 हैंडपंप का पानी पीने लायक भी नहीं हैं, वहीं 1 हैंडपंप में गंदा पानी निकलता है. बाकी 20 हैंडपंप और 3 बोरवेल बंद पड़े हुए है. समस्या को लेकर सरपंच ने बताया कि विगत 5 वर्षो में 5 बार बोर खनन कराया गया है लेकिन वर्तमान में एक भी बोर में पानी नहीं निकलता है. गांव का वाटर लेबल 400 से 500 फीट नीचे चला गया है जिससे 1800 जनसंख्या वाले गांव चारभाठा पानी के लिए तरस रहा है. पानी की त्वरित व्यवस्था करने निजी बोर से पानी गांव तक लाया गया है जिससे ग्रामीणों को पीने के लिए ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है तथा निस्तारी सहित अन्य आवश्कताओं की पूर्ति के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इस समस्या के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.
पानी की समस्या के बारे में पूछने पर रो पड़ी महिला
गांव में दूर से पानी ला रही महिला को जब हमारे प्रतिनिधि द्वारा पानी की समस्या के बारे में पूछा गया तो महिला फफ़क कर रो पड़ी. महिला ने रोते हुए दारुण स्वर में बताया कि आधा किलोमीटर दूर चल के पीने का पानी लाना पड़ता है. नहाने के लिए तालाब में जाते है जहां का पानी खराब हो गया है. जहाँ बहुत मजबूरी में नहाना पड़ता है. महिला ने बताया कि यह कोई नेता या अधिकारी समस्या के बारे ने पूछने तक नही आता हैं. सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने आते है. हम पानी जैसे मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे है हमारी सिर्फ एक ही मांग है की पानी टैंकर की व्यवस्था शासन-प्रशासन की तरफ से की जाए इससे हम लोगों को बहुत मदद मिल जायेगी.
क्या कहते हैं ग्रामीण
एक किलोमीटर दूर स्थित खेत से पाइप के माध्यम से पानी लाया जाता है जिसे अभी ग्रामीणों को पीने का नसीब हो रहा है. वाटर लेवल धीरे-धीरे नीचे जा रहा है जिसे आने वाला दिन में पानी की समस्या और बढ़ सकती है. उससे पहले शासन से निवेदन है कि पानी टैंकर की व्यवस्था करें.
कमलेश कुमार साहू, निवासी चारभाठा
पानी की विकराल समस्या है, दूर जाकर पानी लाना पड़ रहा जिससे हम लोग हताश आ गए है शासन-प्रशासन से निवेदन हैं कि इस समस्या का जल्द ही कोई समाधान करें.
धनेश्वरी बाई, निवासी चारभाठा
गांव में एक भी हैंडपंप अभी चालू नहीं है जो भी चालू है उसमें गंदा पानी निकल रहा है. जिसे बर्तन साफ, घर का पोछा, जानवर के लिए पानी की व्यवस्था आदि काम में उपयोग किया जा रहा है. निजी बोर से जो पानी आता है उसे पीने में उपयोग किया जा रहा है
पार्वती साहू, निवासी चारभाठा