पांच बेटियों ने मिलकर दिया पिता की अर्थी को कंधा, सामाजिक मान्यताओं और रूढ़ियों से विलग किया अंतिम संस्कार

खैरागढ़ में बेटियों ने निभाया बेटे का धर्म

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. पिता की चिता को मुखाग्नि और अंतिम संस्कार की पूरी रस्मों रवायत का अधिकार सिर्फ बेटों को ही रहा है लेकिन खैरागढ़ की
पांच बेटियों ने पिता की असमय मृत्यु के बाद पहले मिलकर अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और फिर सामाजिक मान्यताओं और रूढ़ियों से विलग अपने पिता का अंतिम संस्कार भी किया।दरअसल कुम्हारपारा के रहने वाले राजेश यादव हाई स्कूल जोरातराई में लिपिक के पद पर कार्यरत थे जिनकी तबियत अचानक खराब होने के बाद परिजनों ने उन्हें भिलाई स्थित एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान 11 जून बुधवार को उनका निधन हो गया। राजेश यादव का अंतिम संस्कार किल्लापारा स्थित मुक्तिधाम में किया गया। राजेश की 5 बेटियों ने आंखों से छलक रहे आंसुओं के बीच अपने पिता का अंतिम संस्कार किया और साबित कर दिया कि आज के नये दौर में बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होता। बेटियों को अपने पिता को मुखाग्नि देते देखकर वहां मौजूद लोगों की भी आंखे नम हो गई।