
शुरुआती पहचान पर जिला प्रशासन का जोर
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। महामारी नियंत्रण संचालनालय और स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के निर्देश पर जिले में सघन कुष्ठ खोज अभियान (एलसीडीसी) 8 दिसम्बर से प्रारंभ हो गया है जो 31 दिसम्बर तक लगातार चलेगा अभियान के तहत स्वास्थ्य टीमें सभी विकासखंडों में घर-घर पहुँचकर सर्वे कर रही हैं ताकि संभावित मरीजों की समय पर पहचान की जा सके। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल के मार्गदर्शन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आशीष शर्मा तथा जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ.विवेक बिसेन के नेतृत्व में यह अभियान संचालित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि यह पहल कुष्ठ उन्मूलन की दिशा में प्रभावी कदम साबित होगी क्योंकि रोग की शुरुआती पहचान से विकलांगता रोकथाम और संक्रमण रोकने में महत्वपूर्ण मदद मिलती है। अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी संवेदना जाँच त्वचा परीक्षण और आवश्यक होने पर स्किन स्मीयर टेस्ट कर संभावित मामलों को चिन्हित करेंगे। पुष्टि होने पर मरीजों को एमडीटी दवा व सभी चिकित्सकीय सुविधाएँ पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध होंगी। जिले में सर्वे की सतत मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों और कर्मियों की ड्यूटी भी निर्धारित कर दी गई है। सीएमएचओ डॉ.शर्मा ने बताया कि कुष्ठ संक्रामक अवश्य है लेकिन प्रारंभिक अवस्था में पहचान होने पर इसका पूर्ण उपचार संभव है। जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में जांच और दवाइयाँ निःशुल्क उपलब्ध हैं। जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ.विवेक बिसेन ने कहा कि वर्ष 2030 तक कुष्ठ उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित है और इस अभियान के लिए सभी स्तरों पर प्रशिक्षण पूरा किया जा चुका है। उन्होंने सर्वे टीमों को सहयोग देने की अपील की। अभियान में खंड चिकित्सा अधिकारी, प्रशिक्षण अधिकारी, पर्यवेक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक और मितानिन कार्यकर्ता शामिल हैं जो क्षेत्रवार सर्वे और मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यह प्रयास जिले में जागरूकता बढ़ाने और नए मामलों की जल्द पहचान सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

