Advertisement
IMG-20241028-WA0001
IMG-20241028-WA0002
previous arrow
next arrow
Uncategorized

गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के शांतिपूर्ण आंदोलन पर विश्वविद्यालय प्रशासन बना रहा दबाव

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. विश्वविद्यालय में पहली बार गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के शांतिपूर्ण आंदोलन को तोड़ने के लिये प्रशासनिक स्तर पर शक्ति प्रदर्शन और दमनात्मक प्रयास किए जा रहे हैं। संघ ने आरोप लगाया है कि आंदोलन को दबाने के लिए खैरागढ़ विश्वविद्यालय का प्रशासन लगातार धमकी और अनुचित दबाव बना रहा है। इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में हैं 42 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवा समाप्ति, जिसने संघर्ष की चिंगारी को भड़का दिया है।

गैर शिक्षक कर्मचारी संघ ने लंबे समय से लंबित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी की थी जिसमें नियमितीकरण, न्यूनतम वेतन, भविष्य निधि, पदोन्नति समेत कई बुनियादी मुद्दे शामिल हैं। संघ का कहना है कि बार-बार ज्ञापन, आग्रह और प्रतीक्षा के बावजूद उनकी मांगों को अनदेखा किया गया जिससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।
विश्वविद्यालय हमारी धरोहर हमारी गरिमा की रक्षा हमारा कर्तव्य संघ के नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन केवल अधिकार की मांग नहीं बल्कि गरिमा और संस्थान की रक्षा के लिए है। हम सभी स्थानीय निवासी हैं, वर्षों से विश्वविद्यालय की सेवा में समर्पित हैं। हमारा आंदोलन किसी के विरोध में नहीं बल्कि न्याय और अधिकार के पक्ष में है संघ पदाधिकारियों ने कहा।

सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन के जिम्मेदार लोगों ने विश्वविद्यालय के कैंपस-1 स्थिति दरबार हॉल में कर्मचारियों को बुलाकर आंदोलन में भाग लेने से मना किया और कथित तौर पर चेतावनी दी कि विरोध में शामिल होने पर उनकी सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं। साथ ही संघ पदाधिकारियों पर झूठे आरोप गढ़ने और उनकी छवि धूमिल करने की कोशिशें भी सामने आई हैं। बता दे कि प्रशासन ने मौखिक रूप से 42 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को दो माह के लिए कार्य से रोक दिया था जबकि गर्मी के मौसम में भी इनकी सेवाओं की आवश्यकता बनी रही। संघ का आरोप है कि अब नया सत्र शुरू होने पर उन्हीं कर्मचारियों को पुनः बुलाया जा रहा है, जिससे प्रशासन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। संघ का मानना है कि यह मोदी गारंटी और नियमितीकरण प्रक्रिया को रोकने की साजिश है।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन, शिक्षक संघ और विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के आंदोलन को समर्थन दिया है। आंदोलन के पहले ही दिन कुलपति, सांसद एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा गया। आंदोलन के प्रति जनप्रतिनिधियों से सकारात्मक हस्तक्षेप की भी मांग की गई है। संघ ने वि.वि. प्रशासन पर लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें शांतिपूर्ण आंदोलन करने से रोका जा रहा है जो संविधान के विरुद्ध है। यह केवल आंदोलन नहीं, हमारी आजीविका, आत्मसम्मान और संस्थान के सम्मान की लड़ाई है संघ नेताओं ने दो टूक कहा। संघ ने स्पष्ट किया है कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और गरिमामय रहेगा लेकिन प्रशासन यदि इसी तरह दमन का रास्ता अपनाता रहा तो पूरा कर्मचारी वर्ग एकजुट होकर और मुखर आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इसे लेकर कर्मचारी संघ ने सांझा बयान जारी करते हुए अंततः कहा है कि यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं, यह हमारे अधिकार, हमारी गरिमा और हमारी आजीविका की लड़ाई है।

Satyamev News

आम लोगों की खास आवाज

Related Articles

Back to top button

You cannot copy content of this page