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गरीबों के लिए मुफ्त बिजली अब भी सपना

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। देश में हर घर को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ की हकीकत जमीनी स्तर पर कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। जहां गरीब और निम्नवर्गीय परिवार हर महीने का बिजली बिल 1000 रुपये तक भरने में संघर्ष कर रहे हैं वहीं जिले में करोड़पति और लखपति परिवार इस योजना का सबसे अधिक लाभ उठा रहे हैं। जिला मुख्यालय की निचली बस्तियों के अलावा ग्रामीण इलाकों में लोगों का कहना है कि जब रोज़मर्रा का खर्च और बिजली बिल किसी तरह से निकल पाता है तो तीन लाख रुपये तक की लागत वाला सोलर सिस्टम लगवाना उनके लिए असंभव है। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के बावजूद यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए अब भी पोस्टर ड्रीम और मनभावन भाषणों तक सीमित है।

सूर्यघर योजना में आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है जो ग्रामीण और अशिक्षित तबके के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। कई आवेदक बताते हैं कि उन्हें योजना की जानकारी तो है लेकिन कैसे आवेदन करें कौन सहायता करे इसका कोई स्पष्ट मार्गदर्शन नहीं है वहीं इस योजना में लाभ दिलाने के नाम पर बिचौलिए और दलाल भी सक्रिय हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर मकान कच्चे या अधपक्के हैं जहां सोलर पैनल लगाना संभव नहीं।
जो परिवार किसी तरह सिस्टम लगवा भी लेते हैं उन्हें इन्वर्टर खराबी, पैनल सफाई और रखरखाव खर्च जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ये अतिरिक्त खर्च गरीब परिवारों की पहुंच से बाहर हैं।

आम नागरिकों का कहना है कि इस योजना का वास्तविक लाभ उच्चवर्गीय परिवारों को मिल रहा है जिनके पास पहले से पक्के मकान, पूंजी और डिजिटल सुविधा उपलब्ध है। सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को लेकर एक ग्रामीण ने कहा जिनके पास पहले से सब कुछ है वही मुफ्त बिजली का फायदा उठा रहे हैं। हमारे लिए तो यह सिर्फ सपना बनकर रह गया।

स्थानीय लोगों ने सरकार से अपील की है कि गरीबों और निम्न आय वर्ग के लिए 100% सब्सिडी, आसान लोन व्यवस्था और ग्राम पंचायत स्तर पर आवेदन सहायता केंद्र शुरू किए जाए। लोगों का कहना है कि ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा जब सूरज की किरणें गरीबों के घरों तक भी पहुंचे जिसकी लिए सरकार को योजना में और भी पारदर्शिता तथा लचीलापन लाने की आवश्यकता है।

Satyamev News

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