कोटवार के खिलाफ लामबंद हुये ग्रामीण, जिला मुख्यालय पहुंच की बर्खास्तगी की मांग
कोटवार की हरकतों से तंग लगभग पूरा गांव पहुंचा खैरागढ़ तहसील कार्यालय
कोटवार के खिलाफ कई गंभीर मामलों में ग्रामीणों ने दर्ज की है शिकायत
कोटवार पर काम नहीं करने, मारपीट व अश्लील हरकत के हैं आरोप
कार्यवाही नहीं होने पर बफरा के ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी
खैरागढ़. ग्राम बफरा में नियुक्त कोटवार की हरकतों से त्रस्त होकर लामबंद हुये ग्रामीणों ने खैरागढ़ जिला मुख्यालय पहुंचकर उसकी बर्खास्तगी की मांग की है। लगभग 200 की संख्या में खैरागढ़ तहसील कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन देकर शीघ्र कोटवार के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। जानकारी अनुसार ग्राम बफरा में नियुक्त कोटवार भुवनराम के खिलाफ कई गंभीर मामलों में ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि काम नहीं करने को लेकर बदनाम कोटवार ग्राम बफरा में निवास नहीं करता और कोई भी काम बोलने पर विवाद तथा लड़ाई-झगड़ा करने लगता है। बीते माह बाढ़ के समय भी कोटवार ने ग्रामीणों का कोई सहयोग नहीं किया और नुकसान की कोई सूचना अधिकारियों को नहीं दी। इस दौरान पटवारी विकास ठाकुर का भी कोटवार ने सहयोग नहीं किया और जानबूझकर अनुपस्थित रहा। पंचायतों के कामकाज में भी कोटवार सहयोग नहीं करता तथा मुनियादी सहित आम ईश्तहार का काम करने से भी वह मना करता है। ग्राम पंचायत के पदाधिकारी भी कोटवार के असहयोग के कारण असंतुष्ट हैं। इसके साथ ही कांजी हाउस, ग्रामसभा, सुखा राहत, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकान मुनादी, शैक्षणिक संस्थानों के कार्य, नीलामी के लिये ईश्तहार के कार्य सहित कोटवार को प्रदान किये गये मूल सभी कामों से वह जी चुराता है तथा कुछ कहने पर वह जानबूझकर विवाद कर लड़ाई-झगड़ा करने लगता है तथा झूठे मामले में फंसाने की धमकी देता है। पूर्व में गांव के चुरामन साहू पिता चेतन साहू के साथ परिवार सहित मारपीट की गई थी, घटना के बाद पुलिस थाने में चुरामन ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस से सेटिंग कर कोटवार बच निकला जिसकी शिकायत आवेदक के द्वारा 16 अगस्त को एसपी से की गई है लेकिन बावजूद इसके आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि कोटवार को शासन से प्रदान की गई 10 एकड़ सेवा भूमि खसरा नं.640/2 से लगे दो एकड़ शासकीय भूमि को उसने अपने दोस्त सुग्रीव पांडे को जो कि उत्तर प्रदेश के पास का रहने वाला है को बेजा कब्जा कराकर फंसाया है। इसके एवज में सुग्रीव पांडेय कोटवार भुवन को हर साल 50 हजार ईंट बनाकर देता है, यह कृत्य भी अवैध कार्य व अपराध की श्रेणी में आता है वहीं मनरेगा के तहत कार्य में अपनी उपस्थिति देकर नियम विरूद्ध सबसे ज्यादा हाजिरी कोटवार भरवाता है लेकिन किसी कार्य में सहयोग नहीं करता है। इसके साथ ही कुछ कहे जाने पर कोटवार द्वारा गांव की महिलाओं के सामने गंदी गालियां देकर अश्लील हरकतें की जाती है जिससे गांव के सभी ग्रामीण त्रस्त और परेशान हैं इसलिये ग्रामीणों ने एकराय होकर कोटवार को बर्खास्त करने की मांग तहसीलदार से की है तथा उचित कार्यवाही नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने के दौरान सरपंच श्रीमती कुसुम बाई, ग्राम के वरिष्ठ नागरिक यादराम साहू, पंचगण सीता बाई, चुरामन साहू, नीमा साहू, सत्या, रमेश चतुर्वेदी, सरिता साहू, युवराज, प्रेमलाल, हिरामन साहू, भुवन साहू, कोमेश साहू, खेलन सिंह, मूलचंद साहू, अनंत सिंह, हेमू, ओंकार सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।