42वें पड़ाव में जनजागरण के लक्ष्य को लेकर चलेगी धर्मयात्रा
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. 41वें संकल्पित पड़ाव के बाद धर्मयात्रा सिद्धपीठ श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण धन संकलन और धार्मिक जन जागरण के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ चली है. 42वें पड़ाव का आगाज खैरागढ़ के राजा गणेश पंडाल से हुआ. धर्म यात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने कहा कि आज इस गणेश पंडाल से एक संकल्प का आगाज हुआ है. भगवान गजानन हमारे आराध्य हैं और प्रथम पूज्य हैं वे खेल नहीं हैं इसलिए सभी ने संकल्प लिया कि अन्य गणेश व दुर्गा पंडालों में भी भविष्य में जनजागरूकता लायी जायेगी ताकि सत्य सनातन धर्म के आराध्य देवी देवताओं का अपमान न हों. इस दौरान पं.विभाष पाठक, पं.धर्मेंद्र दुबे, राजीव चंद्राकर, शिवम नामदेव, विजय दुबे, राम भवसार, भोजराज आचार्य व अजेन दशरिया सहित अन्य शामिल रहे.
12 वर्ष पहले विराजे थे खैरागढ़ के राजा
लगभग 12 वर्ष पूर्व खैरागढ़ के धर्मप्रेमी युवा शुभम ठाकुर, पीयूष पटेल, आयश सिंह (बोनी) ऋषभ सिंह, हर्षित सिंह, उत्तम दशरिया, निलेश सिंह, हितेंद्र शर्मा, निक्की ठाकुर, आलोक श्रीवास, शैलेन्द्र मिश्रा, सोमेश लहरे, मनीष रंगलानी सहित अन्य भगवान गजानन को फतेह मैदान के मुख्य गेट में विराजमान कराया था तब से गणेश पर्व का क्रम अनवरत जारी है. धर्ममय वातावरण में भगवान विराजते हैंं, विसर्जन में फूहड़ संगीत नहीं बजता बल्कि धार्मिक गीत व भजन बजते हैं. वातावरण खराब न हो इसलिए ये विसर्जन सुबह ही करते हैं.
पितृ मोक्ष की कामना के साथ होगा अगला पड़ाव
पितृ पक्ष में पितृ मोक्ष की कामना के साथ आमंत्रित किये गांवों में धर्म यात्रा पहुंचेगी जहां आम जन मानस से श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण में सहयोग की अपील की जाएगी जो स्वेच्छादान होगा. संपूर्ण सहयोग व दान ऑनलाइन सीधे ट्रस्ट के खाते में किया जा सकेगा. इस निमित्त यदि कोई अपने घर में सामूहिक पाठ का आयोजन करता है तो धर्मयात्रा की टीम पहुंचने का प्रयास करेगी.
उद्देश्यों को दिया गया विस्तार
यात्रा के उद्देश्यों को विस्तार देते हुये अब धर्मांतरण के विरुद्ध जन जागरण, जातिवाद मुक्त समाज, गौ संरक्षण, मंदिर संरक्षण, नदी संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति पूजन, नशामुक्त समाज, संस्कृति संरक्षण के प्रति भी आम जनमानस को सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के पाठ से जागरूक करने का प्रयास किया जायेगा.