सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. धर्मयात्रा अपने 34वें पड़ाव में ग्राम नर्मदा पहुंची जहां हिंदू जनजागरण सेवा समिति ने यात्रा का आत्मीय स्वागत किया. सुंदरकांड पाठ आरंभ से पूर्व धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने नर्मदा कुंड से खैरागढ़ के जुड़ाव का उल् लेख करते हुए बताया कि नर्मदा का इतिहास भी उतना प्राचीन है जितना प्राचीन श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर का इतिहास है. प्रचलित कथानकों के अनुसार 1700 के आसपास जब रुक्खड़ स्वामी बाबा का आगमन इस क्षेत्र में हुआ तब अमरकंटक में बाबा की तपस्या से प्रसन्न मां नर्मदा भी पीछे हो चली और एक गड़रिये के बताए अनुसार खैरा, चकनार में अवतरित हुई. बाबा के स्थान का नाम खैरागढ़ है लेकिन मां नर्मदा के स्थान का नाम खैरा है.
बाबा के गृहग्राम का नाम भी खैरा है जो कबीरधाम जिले में स्थित है. माता के कुंड स्थल में विवि के कलाकार राम भवसार के भजनों ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया. तबले पर बृजभूषण सिंह ने संगत दिया. धर्मयात्रियों का भोजन अपने हाथों से धर्मप्रेमी व हिंदू जनजागरण समिति के सदस्य दुजेराम वर्मा व रमेश जंघेल ने तैयार किया. धर्मयात्रा में धर्म और सेवा का अद्भुत समागम देखने को मिल रहा है, धर्मयात्रा के अगले पड़ाव का संयोजन हिंदू जनजागरण समिति करेगी.
समिति के प्रमुख खम्हन ताम्रकार ने धर्मयात्रियों का स्वागत करते हुये कहा कि पुनीत लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही यात्रा का हर पड़ाव मील का पत्थर होगा. यात्रा का 35वां पड़ाव बुंदेली में होगा. धर्म जन जागरण समिति के सदस्य दिवाकर सोनी ने बताया कि हनुमान मंदिर में सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के पाठ की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. घर-घर दीप जलाकर धर्मयात्रियों व यात्रा का स्वागत करेंगे. धर्मयात्रा में राजीव चंद्राकर, देवराज, किशोर दास, आदित्यदेव वैष्णव, उत्तम दशरिया, शिवम नामदेव, अरविंद शर्मा, लाल जेके वैष्णव, श्रवण जंघेल, हर्ष वर्धन वर्मा, अजेन दशरिया, अजय वर्मा व भूप वर्मा सहित अन्य मौजूद रहे.