भक्तों के कांधों पर भाई बलभद्र और बहन शुभद्रा संग निकले भगवान जगन्नाथ

खैरागढ़. जिले के ऐतिहासिक ग्राम पांडादाह में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का पर्व पारंपरिक उल्लास और भक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ बलदाऊ भैया और बहन सुभद्रा की प्रतिमाएं भक्तों के कांधों पर विराजमान होकर मंदिर के गर्भ गृह से बाहर निकलीं और भक्तों की जयकारों के बीच मंदिर परिसर में पांच परिक्रमा कर पुनः गर्भगृह में विराजमान हुई। रथयात्रा की शुरुआत हवन पूजन के साथ हुई। पुरोहित परिवार एवं मंदिर सेवा समिति के सदस्यों ने धार्मिक विधि-विधान से भगवान की प्रतिमाओं को कांधे पर उठाया। जैसे ही भगवान जगन्नाथ मंदिर के बाहर आये श्रद्धालु भावविभोर हो गए। मंदिर परिसर में पांच बार परिक्रमा के दौरान भक्तजन फूलों की वर्षा करते रहे और जयघोष से वातावरण गुंजायमान होता रहा। इस भव्य आयोजन में लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं ने शामिल होकर भगवान के दर्शन किए। रथयात्रा के उपरांत परिसर में मेला भी आयोजित हुआ जिसमें श्रद्धालुओं ने उत्सव का आनंद लिया। पांडादाह ग्राम ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। रियासत काल में यह राजनांदगांव रियासत की राजधानी हुआ करती थी जहां वैष्णव परंपरा के राजा शासन करते थे। बताया जाता है कि 318 वर्ष पूर्व उड़ीसा से आए कंबल व्यापारियों तथा तत्कालीन राजा के सहयोग से इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। यह छत्तीसगढ़ का प्रथम जगन्नाथ मंदिर माना जाता है जहां दूर-दूर से श्रद्धालु मनोकामना पूर्ण होने की आस्था लेकर पहुंचते हैं। आज भी यह स्थान श्रद्धा, परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बना हुआ है। रथ यात्रा के आयोजन के दौरान ग्राम में भव्य मेला भी लगा जहां दूर-दूर से भक्तगण न केवल पर्यटन करने बल्कि अपनी अनन्य मनोकामनाएं लेकर जगह के नाथ के पास आए और शीश नवाकर अपनी कामनाओं को अभिव्यक्त किया। आयोजन में प्रमुख रूप से आयोजन. समिति के प्रमुख पं. मिहिर झा, डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता स्वामी बघेल, डोंगरगढ़ के पूर्व विधायक भुवनेश्वर बघेल, खैरागढ़ के पूर्व विधायक कोमल जंघेल, समाजसेवी घम्मन साहू, रानी सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा राजनांदगांव के अधिकारी कर्मचारी एवं सदस्य गण भी मौजूद रहे।

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