हत्या के आरोपी को ढाई माह से नहीं तलाश पायी पुलिस, आक्रोशित ग्रामीणों ने विधायक के साथ पैदल मार्च कर किया स्टेट हाईवे में चक्का जाम
देवारीभाठ हत्याकांड को लेकर कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
लगभग एक घंटे बाधित रहा राजनांदगांव-कवर्धा स्टेट हाईवे
ग्रामीणों ने पहले शव यात्रा निकाली, झूमा-झटकी कर पुलिस ने रोका
ईतवारी बाजार के शीतला मंदिर से सिविल लाईन दुर्गा चौक तक निकला पैदल मार्च
न्याय की मांग को लेकर कांग्रेसियों संग ग्रामीणों ने की पुलिस के खिलाफ नारेबाजी
थाना घेराव रोकने पुलिस ने सिविल लाईन चौक में की किलाबंदी
कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों से अधिक संख्या में तैनात रहा पुलिस बल
सत्यमेव/न्यूज़ खैरागढ़. जिला मुख्यालय से लगे देवारीभाठ में ढाई माह पहले हुये युवक की हत्या को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने विधायक व कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर जम्बो प्रदर्शन किया। तय कार्यक्रम के मुताबिक विधायक यशोदा नीलाम्बर वर्मा व मनराखन देवांगन सहित कांग्रेस नेताओं के नेतृत्व में देवारीभाठ के ग्रामीण व मृतक के परिजन बड़ी संख्या में दोपहर तकरीबन 12 बजे ईतवारी बाजार के शीतला मंदिर पहुंचे जहां नाराज ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन व भाजपा शासन के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की और मृतक राजेश्वर वर्मा के हत्यारों को गिरफ्तार कर न्याय की मांग की।
पुलिस प्रशासन की निकाली गई शव यात्रा
इस दौरान ईतवारी बाजार में कांग्रेस नेता मनराखन देवांगन, भीखमचंद छाजेड़, आकाशदीप सिंह, विप्लव साहू, अब्दुल रज्जाक खान, दीपक देवांगन, कपिनाथ महोबिया, सुमित टांडिया, पलाश सिंह, नदीम मेमन, भरत चंद्राकर, सूर्यकांत यादव, यतेन्द्रजीत सिंह, सुबोध पांडे, सोनू ढीमर, सुमित जैन, मोहित भोंडेकर, राजा सोलंकी सहित एकजुट हुये कांग्रेसियों ने पुलिस प्रशासन की शव यात्रा निकाली। इस दौरान पहले से ही चौकस पुलिस के जवानों ने शव यात्रा को विफल करने अर्थी को छिनने का प्रयास किया और पुलिस प्रशासन के साथ कांग्रेसियों की देर तक झूमा-झटकी हुई।
नगर भ्रमण कर किया पैदल मार्च
प्रदर्शनकारियों ने शव यात्रा के विफल होने के बाद पुलिस प्रशासन व छग शासन के विरूद्ध कानून व्यवस्था चौपट होने का आरोप लगाकर नारेबाजी करते हुये पैदल मार्च निकालकर नगर भ्रमण किया। ईतवारी बाजार से निकला पैदल मार्च बख्शी मार्ग, गोल बाजार, मस्जिद चौक, राजीव चौक, दाऊचौरा तिराहा व स्टेट हाईवे से बस स्टैंड होते हुये सिविल लाईन दुर्गा चौक पहुंचा। थाना घेराव की मंशा को लेकर पहुंचे कांग्रेसियों व प्रदर्शनकारी ग्रामीणों को पुलिस प्रशासन ने यहीं रोक दिया।
थाने की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने की किलाबंदी
प्रदर्शनकारियों के मंसूबों पर पानी फेरने
पुलिस प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी और प्रदर्शनकारियों से अधिक संख्या में मौजूद पुलिस बल ने थाने की सुरक्षा को लेकर दोनों तरफ से बैरिकेटिंग कर किलाबंदी कर रखी थी। सिविल लाईन दुर्गा चौक में एंटी स्क्वाड फोर्स के साथ तैनात रिजर्व पुलिस बल ने अधिकारियों के साथ मोर्चा संभाले रखा था और यहीं पर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया गया जिसके बाद प्रदर्शनकारी कांग्रेसियों व पुलिस के बीच देर तक नोकझोंक व नारेबाजी चलती रही।
विधायक के साथ स्टेट हाईवे में मृतक की पत्नी, मां, बेटा व पूरा परिवार बैठा धरने पर
पुलिस प्रशासन द्वारा किलाबंदी किये जाने के बाद मृतक राजेश्वर वर्मा के नाराज परिजन विधायक सहित कांग्रेस नेताओं के साथ मुख्य मार्ग स्टेट हाईवे में ही धरने पर बैठ गये और प्रदर्शनकारियों ने मार्ग अवरूद्ध कर लगभग एक घंटे तक स्टेट हाईवे में चक्का जाम कर दिया। चक्का जाम होने के बाद काफी देर तक खैरागढ़ में यातायात बाधित रहा और मार्ग परिवर्तित कर वाहनों की आवाजाही शुरू की गई। इस दौरान मृतक राजेश्वर की मां रोते हुये अपने मृत बेटे की तस्वीर को लेकर घंटेभर बीच सड़क पर बैठी रही जहां मृतक की विधवा पत्नी और मृतक का बेटा न्याय की गुहार लगाते रहे। यह दृश्य बेहद मर्मस्पर्शी और करूणामयी था जिसे देखकर कई प्रदर्शनकारियों की आंखों में आंसू आ गये और इसके बाद प्रदर्शन और तेज हो गया। नाराज प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान काली चूड़ियां मंगाकर पुलिस प्रशासन को चूड़ियां भेंट की और पुलिस के विरूद्ध हाय-हाय के नारे लगाते रहे। मौके पर विधायक यशोदा वर्मा के साथ कांग्रेस नेत्री डॉ.किरण झा, आरती यादव, विद्या टांडिया सहित बड़ी संख्या में महिलाएं भी प्रदर्शन करती रही।
पुलिस प्रशासन ने मांगी 15 दिन की मोहलत
प्रदर्शन के बीच एएसपी नेहा पांडे, एसडीओपी लालचंद मोहले, टीआई जितेन्द्र बंजारे सहित पुलिस के जवान विधायक सहित परिजनों से चक्काजाम खत्म कर प्रदर्शन बंद करने की अपील करते रहे। मौके पर एसडीएम टीपी साहू व तहसीलदार प्रीतम सिंह चौहान जिला प्रशासन की ओर से स्थिति पर नजर बनाये हुये थे। इस दौरान वाद-विवाद के बीच पुलिस प्रशासन ने जांच कार्यवाही के लिये 15 दिनों की मोहलत मांगी। गौरतलब है कि पुलिस की जांच में अब तक मृतक राजेश्वर की हत्या को लेकर ऐसा कोई ठोस सुराग नहीं मिला है जिससे किसी संदेही की गिरफ्तारी की जा सके। बताया जा रहा है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट व अन्य तकनीकी जांच के बाद ही इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही हो सकती है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में हत्या का मामला संदेह में है वहीं चिकित्सक द्वारा दी गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि की गई है जिसके बाद मामला उलझ गया है।