कृत्रिम पैर लगने के बाद स्वयं चलकर कलेक्टर का आभार जताने कलेक्ट्रेट पहुंचा दिव्यांग
कलेक्टर की पहल पर दिव्यांग को मिला नि:शुल्क कृत्रिम पैर
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. कृत्रिम पैर लगने के बाद दिव्यांग परेटन निषाद अपने पैरों पर स्वयं चलकर कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्टर डॉ.जगदीश सोनकर का आभार व्यक्त किया. दिव्यांग परेटन निषाद पिता स्व.देशी निषाद उम्र 45 वर्ष ग्राम मजगांव (गंडई) को नि:शुल्क कृत्रिम पैर लगाने जिला कार्यालय में आवेदन दिया था जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए कलेक्टर डॉ.जगदीश सोनकर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया और उनको फिजिकल रिफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर भेजा जहां उन्हें नि:शुल्क कृत्रिम पैर लगाया गया. केसीजी के समाजकल्याण विभाग के उपसंचालक गणेश राम ने बताया कि परेटन निषाद को पांच दिन सेंटर माना में रखा गया, अब वह सकुशल वापस आ चुका है. विगत दिनों अपने कृत्रिम पैर से चलते हुये वह कलेक्ट्रेट शाखा पहुंचकर कलेक्टर का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि आपकी वजह से ही मैं अब चल फिर सकता हूं, अपनी दैनिक दिनचर्या का काम कर पाता हूं.
11 हजार वोल्ट की चपेट में आने से परेटन ने खो दिया था अपना पैर
गंडई मजगांव निवासी परेटन निषाद ने बताया कि वह अपने परिवार का एकमात्र सदस्य कमाने वाला था जो ट्रक चालक रहते हुये अपने परिवार का भरण पोषण करता था. नवंबर 2017 में कवर्धा के पास ट्रक को पीछे लेते हुये ट्रक 11 हजार वोल्ट के खंबे से टकराई और खंबा टूटकर ट्रक में गिर गया जिससे उसका दोनों पैर व हाथ बुरी तरह झुलस गया था जिसके चलते एक पैर को काटना पड़ा तब से वह अपाहिज होकर जीवन व्यतीत कर रहा था. परेटन ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों की सरकार है, जब उसने आर्थिक सहायता के लिये जनपद पंचायत छुईखदान में गुहार लगाई तो जनपद पंचायत की पहल पर उसे मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 हजार रूपये प्राप्त हुआ जो दवाईयों व अन्य खर्च के काम आया.