शिक्षा जगत के लिये बुरी खबर: नैक ग्रेडिंग में ए से फिसलकर सी ग्रेड में पहुँचा खैरागढ़ विश्वविद्यालय

सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. नौ साल पहले 2014 मे बेहतर शिक्षण सहित अन्य व्यवस्थाओ को लेकर प्रदेश मे सर्वाधिक अंक लेकर नैक ग्रेडेशन मे ए रैंक ािसल करने वाली इंदिरा कला संगीत विवि का इस दफे नैक ग्रेडेशन सी रैंक हो गया है जिसके चलते यूजीसी से मिलने वाली ग्रांट मे कमी होगी। नैक ग्रेडेशन के आधार पर बेहतर व्यवस्था का आकलन कर दूसरे प्रदेशो और देश से यहॉ पढऩे आने वाले बच्चो की संख्या कम होगी। शोध सहित अन्य कार्यो पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा और आने वाले सालो मे संगीत विवि की साख मे सीधे तौर पर इसका प्रभाव दिखेगा। 2014 मे नैंक ग्रेडेशन के दौरान साफ सफाई, शिक्षण व्यवस्था, दस्तावेजी निरीक्षण, स्थल अवलोकन, शोध, नवाचार सहित अन्य व्यवस्थाओ को देखकर नई दिल्ली की नैक टीम ने संगीत विवि को ए रैंक के लिए उपयुक्त माना जिसके बाद राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा ए रैंक दिया गया जिसके चलते पांच सालो तक विवि के समग्र विकास को लेकर यूजीसी से पर्याप्त राशि मिलती रही वही प्रदेश के अलग अलग हिस्सो से बच्चे भी अध्ययन के लिए आते रहे।
रैंक बचाने नही किया कोई विशेष काम
पांच साल बाद 2019 मे दुबारा नैक टीम द्वारा संगीत विवि की व्यवस्था का आकलन निरीक्षण कर रेंक दिया जाना था लेकिन कोरोना काल या अन्य किसी वजहो से टीम नही पहुॅच पाई थी। मार्च 12 से 15 तक तीन दिनो तक पांच सदस्यीय दल ने संगीत विवि की व्यवस्था को बारीकी से परखा और अपनी रवानगी से पहले कुलपति, कुलसचिव सहित सभी कार्यालयीन व शैक्षणिक स्टाफ की बैठक मे सीधे तौर पर कहा कि संगीत विवि तालमेल और आपसी सामंजस्य के अभाव मे अपनी क्षमतानुरूप प्रदर्शन नही कर पा रहा है। उस दौरान ही यह बात स्पष्ट हो गई थी कि विवि प्रशासन कुप्रबंधन और भाई भतीजावाद के चलते नैक की अपेक्षाओ मे खरा नही उतर पाया है। जिसका पता तब चला जब नैक ने वेबसाइट मे इसकी जानकारी साझा कर बताया कि 2014 के मुकाबले टीम ने ग्रेडिंग मे इस दफे संगीत विवि को कम अंक दिया है। गौरतलब है कि ग्रेडिंग को लेकर परिषद द्वारा 70/30 का रेसियो तैयार किया गया है जिसमे 70 अंक आनलाईन प्रेजेंटेशन और 30 अंक भौतिक सत्यापन के लिए तय है। इस लिहाज से देखे तो संगीत विवि दोनो मामलो मे कमतर साबित हुआ और प्रेजेंटेशन के साथ साथ स्थल अवलोकन मे भी फेल हो गया।
पूर्व जानकारी के बाद भी तैयारी रखी अधूरी
संगीत विवि को नैक ग्रेडेशन मे सी रैंक मिलने के पीछे काफी सारी वजहे सामने आ रही है। पता चला है कि अधिकारियो के रहने के बावजूद आईक्यूएसी का डायरेक्टर शिक्षक को बनाया गया जो टीम के सामने सही तरीके से प्रेजेंटेशन नही दे पाया। स्टुडेंट्स फीड बैक मे भी आनलाईन शिकायते मिली। 2014 मे नैक टीम से आमना समाना कर चुके अधिकारियो को हटाकर नए नवेलो को काम सौंपा गया। मैदानी अमला भी साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओ को समय रहते पूरा नही कर पाया। युवा महोत्सव मे उपलब्धि के अलावे कोई नया काम विवि प्रशासन के खाते मे नही जुड़ा जैसी अनेक वजहो और आधी अधूरी तैयारी के चलते ग्रेडेशन मे निर्धारित रैंक हासिल नही करने से संगीत विवि को भविष्य मे नुकसान उठाना पड़ सकता है। आनलाईन आकलन के दौरान देश के अलग अलग हिस्सो सहित विदेशो से यहॉ पढऩे आने वाले बच्चे भी इससे दूर होंगे जिसके चलते संगीत विवि की साख पर गहरा असर पडऩे के साथ साथ शहर की अर्थव्यवस्था भी काफी प्रभावित होगी।
समीक्षा बैठक बेनतीजा रहा
पता चला है कि नैक ग्रेडिंग मे कमतर होने के बाद कुलपति, कुलसचिव की उपस्थिति मे आयोजित समीक्षा बैठक मे सभी ने एक दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ा। विवि के वर्तमान प्रशासनिक अधिकारियो ने पूर्व कुलपति के कार्यकाल के दौरान काम करने वाली टीम पर असहयोग का आरोप लगाया और नैक ग्रेडेशन मे कमी के लिए जिम्मेदार बताया इस दौरान चुप रहे 2014 मे तैनात टीम सदस्यो का कहना है कि विवि प्रशासन वर्तमान मे भाई भतीजावाद की भेंट चढ़ चुका है। अपेक्षित सहयोग देने तैयार थे लेकिन उन्हे दरकिनार करके रखा गया।

Exit mobile version