शाला परिसर में दस्तावेज जलाने का मामला गरमाया, कांग्रेस ने लगाये साक्ष्य मिटाने के आरोप

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. नगर के तुरकारीपारा स्थित शासकीय अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक शाला क्रमांक-1 में शासकीय दस्तावेज जलाए जाने की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। दस्तावेज जलाने और उन्हें कचरा बताकर हटवाने की कार्रवाई को लेकर विभाग पर साक्ष्य मिटाने और गड़बड़ियों को छिपाने के गंभीर आरोप लगे हैं। मामला उजागर होने के बाद कांग्रेस विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने विभागीय अधिकारियों पर पारदर्शिता भंग करने का आरोप लगाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। देवांगन ने कहा कि जिस स्थान पर शिक्षा विभाग का संकुल संचालित होता है वहीं पर बड़े पैमाने पर शासकीय दस्तावेज जलाए गए।

उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया आनन-फानन में नगर पालिका की मदद से अधजले दस्तावेजों को कचरा बताकर हटा दिया गया। जबकि सरकारी दस्तावेजों के निस्तारण की एक तय प्रक्रिया होती है, जिसकी अवहेलना इस मामले में स्पष्ट रूप से की गई है।डीईओ ने कचरा बताकर हटवाया अधजला दस्तावेज सूत्रों के मुताबिक जिला शिक्षा अधिकारी लालजी द्विवेदी ने नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) नरेश वर्मा को फोन कर प्राथमिक शाला क्रमांक-1 में ‘कचरा’ हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नगरपालिका की टीम मौके पर पहुंची और राख व अधजले कागजातों को हटवा दिया। सीएमओ नरेश वर्मा ने इस बात की पुष्टि करते हुये कहा कि उन्हें दस्तावेजों के बारे में जानकारी नहीं थी डीईओ के निर्देश पर कचरा हटाया गया। गंभीर आरोप और जांच पर सवाल शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि मौके पर जो राख पाई गई, उसमें उपस्थिति रजिस्टर, छात्र रिकॉर्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि दस्तावेजों को हटाने की इतनी जल्दी क्यों की गई, जबकि किसी भी जांच की प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई थी। अब जब पूरे मामले की जांच उन्हीं अधिकारियों से कराए जाने की बात हो रही है, जिन पर लापरवाही और साक्ष्य छिपाने के आरोप हैं, तो जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि इस प्रकरण की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या उच्चस्तरीय अधिकारी से कराई जाये।