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विशाल बेल वृक्ष के नीचे सिद्धपीठ में होगा पार्थिव शिवलिंगों का अभिषेक

श्रीरूक्खड़ स्वामी महोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में

15 फरवरी को जलाभिषेक से होगा महोत्सव का आरंभ

19 फरवरी को विशाल जन भण्डारे से होगा समापन

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. नर्मदा के जल से श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर में जल अभिषेक के साथ ही 5 दिवसीय श्री रुक्खड़ स्वामी महोत्सव व महाशिवरात्रि पर्व आरंभ होगा. परंपरानुसार 15 फरवरी को कांवडिये नर्मदा कुंड, खैरा, चकनार से कांवरों में जल भरकर निकलेंगें व खैरागढ़ स्थित सिद्धपीठ श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर में जला अभिषेक करेंगें. प्रचलित कथानकों के अनुसार तपस्वी संत शिव स्वरूप श्री रुक्खड़ स्वामी महाराज के तप से ही मां नर्मदा का अवतरण वर्तमान स्थल में हुआ था. अपने जीवनकाल में दर्शन आदि के लिए श्री रुक्खड़ स्वामी नियमित नर्मदा कुंड जाते थे. प्रचलित सनातन परंपरा को थामते हुए ही हिंदू जन-जागरण समिति के बैनर तले विगत 3 वर्षों से पदयात्रा कर जला अभिषेक की परंपरा आरंभ की गई है. कांवड़ यात्रा का घिरघोली, छुईखदान, भुलाटोला, ढिमरीनकुआं ग्राम सहित दर्जन भर से अधिक स्थानों पर स्टेट हाईवे में स्वागत सत्कार होगा.

संगीत विश्वविद्यालय के कलाकार देंगें भजनों की प्रस्तुति

16 फरवरी को भजन संध्या का आयोजन किया गया है, जिसमें शिव भजनों की प्रस्तुति होगी. इंदिरा कला संगीत विवि के छात्र कलाकार इसमें शामिल होंगे. 17 फरवरी को पंचाक्षरी मंत्रों के साथ शिवलिंग व गण निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा.

पार्थिव लिंगों का होगा अभिषेक

महाशिवरात्रि के दिन 18 फरवरी को वैदिक रीति से सुबह 8 बजे से पार्थिव शिवलिंगों का महारुद्राभिषेक होगा. इस दिन प्रहर पूजन व अभिषेक की व्यवस्था की गई हैं. श्रद्धालु पूजन के लिये निरंतर पंजीयन करा रहे हैं. इसी दिन शाम 4 बजे श्री रुक्खड़ स्वामी बाबा की भव्य शोभा-यात्रा व शिव जी की बारात निकाली जायेगी, जो झांकियों के साथ वीरेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेंगी. देर शाम 8 बजेे मंदिर में निरंतर जारी सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ मातृ शक्ति के रूप में महिला मंडली द्वारा किया जायेगा. सिद्धपीठ परिसर में ही विशाल बेल वृक्ष विराजमान है. मान्यता है कि बेल वृक्ष के दर्शन मात्र ही जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है. ऐसे में बेल वृक्ष की छांव में पार्थिव लिंग का अभिषेक अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. रविवार 19 फरवरी को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा. इससे पूर्व मंदिर में महाशिवरात्रि पश्चात हवन किया जाएगा। साथ वर्षों से प्रज्वलित धुनि में भी लोक कल्याणार्थ आहुति डाली जाएगी.

सिद्धपीठ श्रीरुक्खड़ स्वामी मंदिर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में धर्म लाभ लेने उपस्थिति की अपील की है.

रामकुमार सिंह, अध्यक्ष श्रीरुक्खड़ स्वामी ट्रस्ट समिति

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