वनांचल में शिक्षक की मनमानी, 3 साल से पदस्थ पर 3 माह भी भी नहीं आया विद्यालय
छात्रों को मध्यान भोजन योजना का भी नहीं मिल पा रहा लाभ
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. एक तरफ शासन शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने गांव-गांव में विद्यालय खोलने और बेहतर शिक्षण व्यवस्था की बात कर रहे है तो दूसरी ओर कई विद्यालयों में शिक्षकों की मनमानी से शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो रही है।
ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर छुईखदान विकासखंड के बकरकट्टा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम संजारी से सामने आया है, जहां शासकीय प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक सुधीर नायक 3 सालों से पदस्थ है। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक 3 सालों में बमुश्किल 1 माह ही बच्चों को पढ़ाने विद्यालय आया है जिसकी वजह से यहां अध्यनरत बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। यहाँ हालात ऐसे हैं कि चौथी और पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को अ से अनार लिखना तक नहीं आता। पालको का कहना है कि बच्चे रोज इस उम्मीद में विद्यालय आते है कि आज शिक्षक आयेंगे और उन्हें पढ़ाएंगे लेकिन शिक्षक की मनमानी की वजह से बच्चों को रोज मायूस होकर घर लौटना पड़ता है। शिक्षक की लापरवाही का आलम इस कदर है कि गणतंत्र दिवस के दिन भी शिक्षक नदारत रहा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सरपंच व ग्रामीणों ने स्कूल में ध्वज उत्तोलन किया। शिक्षक की इस कदर मनमानी के बाद ग्रामीणों के सब्र का बांध टूटा और उन्होंने दूरभाष के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी से शिक्षक की शिकायत की।
मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था भी गांव में महिला समूह न होने की वजह से शिक्षक सुधीर नायक ही करता रहा है और इस बहुउद्देशीय शासकीय योजना में भी शिक्षक ने भरपूर मनमानी की है। स्कूल के रसोईया ने बताया कि शिक्षक कभी-कभी ही थोड़ा बहुत राशन लाकर देता है जब तक राशन होता है खाना बनता है पर राशन खत्म होने पर मध्यान्ह भोजन बंद करना पड़ता है इस तरह शिक्षक की मनमानी की वजह से बच्चों को कई दिन भूखे पेट ही घर लौटना पड़ता है।
ग्रामीणों ने लापरवाह शिक्षक को जल्द हटाने की मांग प्रशासन से की है
इस पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी लालजी द्विवेदी का कहना है कि हमने शिक्षक को नोटिस दिया है। पूरे मामले में विभागीय जांच की जायेगी। जांच के दौरान बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिये वैकल्पिक शिक्षक की व्यवस्था के लिये विकासखंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया है।