रश्मि देवी नगर में जमीन लेकर मकान बनाने वाले 189 लोगों को कोर्ट का नोटिस
खैरागढ़ कलेक्टर व तहसीलदार को भी जारी हुआ नोटिस
राजपरिवार का संपत्ति विवाद और गहराया
स्व.देवव्रत सिंह की मंझली बहन ने फर्जी बिक्री का लगाया आरोप
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. खैरागढ़ राजपरिवार का संपत्ति विवाद और गहरा गया है. पूर्व सांसद व विधायक स्व.देवव्रत सिंह की मौत के बाद अलग-अलग धड़ो में बंट चुके खैरागढ़ राजपरिवार में पहले ही कोर्ट-कचहरी तक की नौबत आ चुकी है और अब फिर से एक नया सम्पत्ति विवाद सामने आया हैं और जिला न्यायालय से 1-2 नहीं बल्कि 189 लोगों को नोटिस जारी हुआ है.
जयदेव वेंचर्स ने गलत तरीके से बेची हैं स्मृति की जमीन
स्व.देवव्रत सिंह की मंझली बहन स्मृति सिंह भार्गव पति रजत भार्गव जो जबलपुर निवासी हैं ने अपर जिला न्यायाधीश खैरागढ़ के न्यायालय में 20 दिसंबर 2023 को रश्मि देवी कॉलोनी में घर बनाने और प्लाट खरीदने वाले कुल 189 लोगों के विरुद्ध मामला प्रस्तुत किया जिसके आधार पर 189 लोगों के साथ खैरागढ़ कलेक्टर व खैरागढ़ तहसीलदार को भी नोटिस जारी किया गया है. स्मृति सिंह ने न्यायालय में प्रस्तुत वाद पत्र में सभी प्रतिवादियों पर उनके स्वामित्व की भूमि पर षड्यंत्र पूर्वक अवैध कब्ज़े का आरोप लगाया है. स्मृति सिंह ने वाद पत्र में बताया कि 13 मार्च 23 की सीमांकन रिपोर्ट के बाद उन्हें जानकारी मिली कि उनकी भूमि पर प्रतिवादीगणों ने अवैध रूप से क्रय कर कब्ज़ा कर लिया है. फर्जी तरीके से ज़मीन का जयदेव वेंचर बनाकर विक्रय कर दिया गया है. स्मृति ने वाद पत्र में न्यायालय को बताया कि उनकी यह सम्पति पैतृक है जो उनके पिता स्व.रविंद्र बहादुर ने बंटवारे में उन्हें दी थी.
21 फरवरी को जिला न्यायालय में होगी मामले की सुनवाई
न्यायालय से जारी नोटिस के मुताबिक मामले की सुनवाई आगामी 21 फरवरी 2024 को होनी है जिसमें सभी 189 पक्षकारों सहित कलेक्टर व तहसीलदार को उपस्थित होना है.
189 लोगों रजिस्ट्री शून्य करने प्रस्तुत किया गया हैं वाद
स्मृति सिंह ने न्यायालय में प्रस्तुत वादपत्र में प्रतिवादी गणों पर खैरागढ़ तहसील की खसरा नंबर 149 की रकबा 2.59 हेक्टेयर जो लगभग 6.40 एकड़ है पर धोखाधड़ी कर जयदेव वेंचर्स बनाकर, खसरा नंबर 78/1, 79, 80 बनाकर, खसरा नंबर 149 रकबा 2.59 हेक्टयर पर टुकड़े में ब्लॉक बनाकर अपने नाम पर रजिस्ट्री कराने का आरोप लगाया है. यह मामला उसे समय का है जब स्व.देवव्रत सिंह जीवित है और जयदेव वेंचर्स का संचालन खुद कर रहे थे. उनकी बहन स्मृति सिंह ने न्यायालय से स्वत्व की घोषणा कर अतिक्रमण, अवैध कब्जा हटाकर कब्ज़ा दिलाने सहित रजिस्ट्री शून्य घोषित करने के लिए वाद प्रस्तुत किया है.
नोटिस पाने वाले 189 लोगों में कई बड़े नाम शामिल
कोर्ट से नोटिस मिलने वालों में कई बड़े व नामचीन नाम भी शामिल है. स्मृति सिंह ने मानवेंद्र जंघेल कसारीडीह दुर्ग, नेम सिंह चंदेल भिलाई, काजल सिंह सिंगारघाट, वर्षा शर्मा रायपुर, सचिन यादव, शकुन यादव तुरकारी पारा, नीता सिंह, रीना जंघेल खमतराई, भूनेंद्र सिंह ठाकुर घोटिया, मंजू जंघेल भिलाई, प्रिया राजपूत बेमेतरा, यामनी देवांगन, नेहरुलाल वर्मा, ज्योति यादव, विनीता देवी जैन, सरला रंगलानी, अनुराग सिंह, लक्ष्मी सांखला, अरुणा सिहानी, राजेंद्र यादव, अश्विनी जंघेल, संदीप श्रीवास्तव, नीलिमा गोश्वामी, राधा मोहन गोंड़, जितेंद्र सिंह चंदेल, सुभाष सिंह चंदेल, दुष्यंत अग्रवाल, आज़मा खान, सरोजनी बंजारे, कैलाश कुमार सिंह, गोविंद पटेल, मधुलिका धृत लहरे, लखन सिंह गोंड़, नरेश कुमार, प्रणय सिंह, अनीता जंघेल, पुप्पन काले, अमित कुमार श्रीवास्तव, रंकेश्वर सिंह बघेल, विजयलक्ष्मी जंघेल, राजेंद्र सिंह, बलवंत कुमार साहू, हेमंत कुमार साहू, डॉ.नेहा कश्यप, गौरव शर्मा, घनाराम वर्मा, रेणु मालवीय, नोहर वर्मा, युगल किशोर शर्मा, भुनेश्वर वर्मा, मधुलिका सिंह, श्याम सुंदर सिंह, विवेक कुमार देवांगन, अनिल जैन, कल्पना श्रेयांश चंदेल, रिक्की यादव, महेश गिरी गोश्वामी, मोहम्मद हुसैन, माधुरी साहू, वनिता वाहने, प्रिया महोबिया, संजय गिरी गोश्वामी, निमेश सिंह, गेंदुराम जंघेल, अस्मिता देवांगन, राकेश जैन, भारती देशमुख, लीला सिंह राजपूत, विजय कुमार सोनी, अमित नामदेव, प्रतिमा सिंह, राहुल भट्टड़, जितेंद्र फोटानी, संजय महोबिया, निखिल कुमार सिंह, हिना कौसर, गीतिका सिंह, सरोजनी बंजारे, दुर्गेश कुमार सोनी, माधुरी साहू, सत्या सिंह, दिलीप सिंह बैस, सरिता तिवारी, अनिता जंघेल, रामप्रकाश सेन, ललित कुमार जैन, उषा यादव, सुधांशु झा, बृजेश श्रीवास्तव, अजय सिंह राजपूत, सिमरन मोटवानी, लक्ष्मी सांखला, राजेश कुमार देवांगन, दीपक रंगलानी, पूनम चंद साहू , दीपक केलकर, मोहम्मद खलील कुरैशी, सौरभ ध्वज सिंह, रंजीता गोस्वामी, खेमचंद वर्मा, पूनमचंद साहू , राजेन्द्र यादव, राकेश कुमार जैन, खिलेश्वरी सिंह, चिंतामन काले, इंदु वासवानी, संजीव दुबे, दुर्गेश कुमार सोनी, बालमुकुंद वर्मा, नेम सिंह चंदेल, काजल फोटानी, गुलाब बाई जैन, सत्या सिंह, सरिता पंसारी, आशीष सिंह, मनोज कुमार जैन, नितेश कुमार जैन, रंजीता वर्मा, दयावती शर्मा, इरफान अहमद वारसी, सुनील फोटानी, मांडवी सिंह, नीलम जैन, संतोषी ठाकुर, दिपेश ठाकुर, सुरेंद्र मेश्राम, मनोज सिंह चंदेल, दानेश सिंह, भरती जैन, युगल किशोर शर्मा, डोरेश वर्मा, जिनेश जैन, आनंद प्रकाश लिल्हारे, उर्मिला लिल्हारे, सूर्यकांत वर्मा, संतोष कुमार वर्मा, बहलराम जंघेल, अनिता वर्मा, राकेश कुमार चन्द्राकर, सतीश कुमार वैपड़, राम प्रकाश सेन, रणजीत सिंह चंदेल, मो.सलीम मेमन, इकबाल, सोनम मोदी, अनुराग मालवीय, गायत्री वर्मा, सुदर्प सिंह बघेल, नीति सिंह, गुलाब बाई जैन, रमेन्द्र कुमार डड़सेना, गायत्री वर्मा, राजेन्द्र सिंह, सुब्रत साहू, दिलीप सिंह बैस, संजय कुमार पारख, रामप्रकाश सेन, संगीता देशमुख, रविन्द्र देशमुख, श्रीमती श्रीवास्तव, श्री वर्मा, उत्तम कुमार जंघेल, श्री चोपड़ा, मंशाराम बर्मन, कवल राम साहू, हीराराम वर्मा, संतोष कुमार सिन्हा, सुरेश कुमार वर्मा, यशोदा वर्मा, मनेन्द्र सिंह, रत्नमाला श्रीवास्तव, शिवादित्य सिंह, वनिता वाहने, संतोषी ठाकुर, नोहर वर्मा, तीजेंद्र जंघेल, शैलेन्द्र मसीह, लोचन कुमार साहू, कामूल प्रसाद पाण्डेय, अनिता रजक, दीपक देवांगन, संजय महोबिया, सीमा जैन, निखिल कुमार सिंह, नरहरदेव सिंह, पंच राम चंदेल, लक्ष्मण सोनटके, राम कुमार अग्रवाल, ओंकार जंघेल, फुलवासन वर्मा, देवेन्द्र वर्मा, विवेक देशमुख, शुभम सिंह ठाकुर, द्वारिका प्रसाद, रविनारायण एवं महेंद्र देशमुख को पक्षकार बनाया है. जमीन की गलत तरीके से रजिस्ट्री को लेकर खैरागढ़ कलेक्टर और तहसीलदार को भी औपचारिक पक्षकार बनाया गया है.
स्मृति सिंह की ओर से उनके पति रजत भार्गव ने दूरभाष पर चर्चा में बताया कि उनके स्वसुर जी ने अपनी तीनों बेटियों श्रीमती उज्ज्वल सिंह, श्रीमती स्मृति सिंह भार्गव व श्रीमती आकांक्षा सिंह सोनी को क्रमशः 6.50-6.50 एकड़ ज़मीन 1994 में बंटवारे में मिली थी. जो कृषि भूमि है और राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है. देवव्रत सिंह जी ही जमीन की देखरेख करते थे उनकी मृत्यु के बाद पिछले साल जब अपने हक की ज़मीन का सीमांकन कराया तो प्रशासन ने उसे जगह को हमारी जमीन बताया जहां 189 लोगों के नाम से जमीन पहले ही जयदेव वेंचर्स ने विक्रय कर दी है और वहां पूरी कॉलोनी बन गई हैं. इस जानकारी के बाद हम न्यायालय की शरण में गये हैं. श्री भार्गव ने अपने अधिवक्ता का नंबर भी दिया है लेकिन उनके अधिवक्ता से बात नहीं हो पाई हैं.
जिस पैतृक संपत्ति पर मेरा अधिकार है उसे जगह को गलत तरीके से विक्रय किया गया है जहां 189 लोगों ने अपना मकान दुकान आदि बना लिया है जिसे लेकर हम न्यायालय की शरण में गए हैं.
स्मृति भार्गव, पक्षकार व स्व.देवव्रत सिंह की मंझली बहन