मासूम की पिटाई कर हत्या करने वाले शिक्षक के विरूद्ध खैरागढ़ के बौद्ध अनुयायियों ने जताया विरोध
शिक्षक पर कड़ी कार्यवाही करने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. राजस्थान प्रदेश के जालोर जिले में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर के शाला प्रमुख छैलसिंह राजपूत के द्वारा संस्था में कक्षा तीसरी में अध्ययनरत छात्र इन्द्र मेघवाल की जघन्य हत्या किये जाने पर खैरागढ़ महाबोधित बुद्ध विहार कल्याण समिति खैरागढ़ के पदाधिकारियों सहित बौद्ध अनुयायियों ने शिक्षक छैलसिंह राजपूत के कृत्य पर विरोध जताते हुये राष्ट्रपति के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है. सौंपे ज्ञापन में अनुयायियों ने बताया है कि शिक्षक छैलसिंह के द्वारा मासूम छात्र की हत्या केवल इसलिये कर दी गई क्योंकि उस छात्र ने शिक्षक छैलसिंह राजपूत के मटके का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई थी और होनहार छात्र अनुसूचित जाति वर्ग का था.
उन्होंने कहा कि शिक्षा की मंदिर में छुआछूत जैसी धारणा रखने वाले उक्त शिक्षक छैलसिंह राजपूत के द्वारा किया गया यह कृत्य क्षमा योग्य नहीं है बल्कि यह एक जघन्य अपराध है. यदि शिक्षक पर कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई तो छुआछूत की यह भावना बढ़ती जायेगी और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार होता रहेगा. बौद्ध अनुयायियों ने राष्ट्रपति से मांग की है कि मासूम छात्र की हत्या करने वाले शिक्षक छैलसिंह राजपूत को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये. इस दौरान बौद्ध समाज के अध्यक्ष उत्तम बागड़े, मंशाराम सिमकर, दीवालचंद भालेकर, चैनू सारथी, सुरेश चौरे, राजकुमार बोरकर, विमल बोरकर, हेमंत ब्रह्मभट, महेश बंजारे, हर्षवर्धन रामटेके, पार्षद सुमित टांडिया, कमलेश बोमले, सुनील मेश्राम, चंद्रकांत बिदानी, कविता नागदेवे, छाया चौरे, नंदा नागदेवे, इंदु डोंगरे, नम्रता डोंगरे व शेखू वर्मा सहित नागरिकगण उपस्थित थे.