खजरी सरपंच के विरोध में ग्रामीणों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन


निर्माण कार्यों में फर्जीवाड़ा का लगा आरोप
सरकारी राशि का गबन करने की भी हुई शिकायत
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. ग्राम पंचायत खजरी के सरपंच जेठू मारकंडे पिता कार्तिक मारकंडे पर फर्जीवाड़ा करने को लेकर गांव के ही ज्ञानोदय समिति के द्वारा एसडीएम से शिकायत की गई है। शिकायती पत्र में ग्रामीण धनसिंग वर्मा, अवध वर्मा, भोला वर्मा, राजेश वर्मा, उमेश वर्मा, नारद वर्मा, चंदू चंदेल, जयपाल टंडन, सुमेरी मार्या, महेश मारकंडे, राजू दिनकर सहित बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने बताया है कि सरपंच जेठू मारकंडे के द्वारा ग्राम पंचायत खजरी में कई कार्यों का प्रस्तवा ग्राम विकास कार्य के लिए हुआ है लेकिन सरपंच द्वारा आज तक किसी भी कार्य को सही तरिके से पूर्ण नहीं किया है। उक्त पंचवर्षीय कार्यकाल में आज तक सरपंच द्वारा ग्रामसभा की बैठक रखकर कार्यवाही की कोई जानकारी ग्राम पंचायत के पंचों तथा नामवासियों को नहीं दी गई है। सरपंच के द्वारा जितना भी कार्य प्रस्तावित हुआ है उसका फर्जी बिल बनाकर आहरण कर लिया गया है। उक्त कार्य के संबंध में 16 दिसंबर 2024 को ग्रामीणों द्वारा ग्राम पंचायत में बैठक रखी गई थी जहां सरपंच को बुलाकर ग्राम पंचायत में हुई कार्यवाही के साथ ही सभी कार्यों की जानकारी ली गई परंतु सरपंच कुछ जानकारी नहीं दे पाया। सरपंच द्वारा प्रस्तावित कार्यों की राशि निकालकर गबन किया गया है जिसका पक्का बिल भी उनके द्वारा नहीं दिया गया है। पत्र में यह भी बताया गया है कि ग्राम पंचायत में वार्ड नं.04 ने नाली निर्माण कार्य, स्कूल बाउड्री वॉल, बजरंगबली चबुतरा निर्माण, वार्ड नं.05 में सीसी रोड निर्माण, शंकर चबुतरा, मंच निर्माण, तलाब किनारे कांक्रिटीकरण, 5 वर्ष का तालाब निलामी का पैसा, मकान टैक्स, वार्ड नं.10 में हैंडपंप में बाउंड्री वॉल, लक्ष्मी मंच चबुतरा निर्माण सहित 15 वृत्त और मूलमूत राशि का सरपंच के द्वारा आज तक कोई भी कार्य सही तरिके से नहीं कराया गया है। सभी निर्माण कार्यों में अनियमित्ता और लिपापोती की गई है और फर्जी बिल के माध्यम से पैसा ले लिया गया है जिसकी जानकारी न तो सरपंच द्वारा पंचायत के पंचों को दी गई और न ही ग्रामसभा कर ग्रामवासियों को जानकारी दी गई। सरपंच जेठू मार्कंडे पर आरोपी लगाते हुये कहा है कि सभी कार्यों का पैसा सरपंच ने अपने निजी स्वार्थ के लिए ही इस्तेमाल किया है और गांव का विकास करने के लिए स्वीकृत राशि में से केवल दिखावे के रूप में थोड़ा सा पैसा खर्च किया गया है।