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अपराध

मवेशी तस्करी के आरोपियों को बचाने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले चार आरोपी गिरफ्तार

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. फर्जी दस्तावेज बनाकर मवेशी तस्करी करने वाले चार आरोपियों को खैरागढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी अनुसार 23 दिसंबर 2024 को एक अशोक लीलेंड वाहन क्र.एमपी 50 जेडई 2208 में अवैध रूप से मवेशियों को भरकर कत्लखाना महाराष्ट्र राज्य की ओर ले जाने की सूचना पर पुलिस ने ग्राम पाण्डादाह के तालाब के पास पहुंचकर वाहन को रूकवाया। वाहन को रोकते ही चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। पुलिस टीम द्वारा वाहन चेक करने पर 1 नग भैंसा व 2 नग भैंस को बिना चारा पानी के नायलोन के रस्सी से बंधा हुआ मिला। डाले में एक नाबालिक बालक मवेशियों के देखरेख के लिये अंदर ही बैठा था जिसे पूछताछ करने पर फरार वाहन चालक का नाम दिनेश चौधरी ग्राम पोण्डी थाना लालबर्रा जिला बालाघाट का रहने वाला बताया। मौके पर मवेशियों के परिवहन करने के संबंध में कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं करने पर वाहन के फरार चालक दिनेश चौधरी एवं अपचारी बालक के विरूद्व थाना खैरागढ़ में धारा 4, 6, 10 छग पशु परिरक्षण अधिनियम 2004, पशु क्रुरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(1)(डी)(ई)(एफ), 66/192 मोव्ही एक्ट कायम कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में एसपी त्रिलोक बंसल एवं एएसपी नितेश कुमार गौतम, एसडीओपी लालचंद मोहले के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश में प्रकरण से बारीकी से विवेचना की गई। विवेचना के दौरान 12 जनवरी 2025 को 4 लोग थना पहुंचे और अपना नाम जहीर खान पिता तुफैल खान उम्र 28 साल निवासी ग्राम मेढ़ियापुर पोस्ट तुलरा तहसील पुष्पराजगढ़ थाना करनपठार जिला अनूपपुर (मप्र), अजय नागवंशी पिता ताराचंद नागवंशी उम्र 45 साल निवासी वार्ड नं011 भरवेली थाना भरवेली जिला बालाघाट (मप्र), दिलीप सोनगढ़े पिता फूलचंद सोनगढ़े उम्र 45 साल निवासी घुनघाटोला थाना नवेगांव जिला बालाघाट (मप्र) तथा रोहित शिववंशी पिता सावनलाल शिववंशी उम्र 22 साल निवासी ग्राम पोण्डी तहसील लालबर्रा थाना लालबर्रा जिला बालाघाट (मप्र) का निवासी बताया। विवेचना अधिकारी को प्रकरण में जप्त मवेशी एवं वाहन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किया गया जिसमें दस्तावेज प्रथम दृष्टया संदिग्ध प्रतीत होने पर दस्तावेज की जांच की गई। जांच में दस्तावेज फर्जी एवं कूटरचित पाये जाने पर उक्त चारों व्यक्तियों से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई और उन्होंने बताया कि प्रकरण के मुख्य आरोपी दिनेश चौधारी निवासी बालाघाट एवं मोनू कुरैशी निवासी दुर्ग के कहने पर योजना बनाकर थाना आये थे और उक्त दोनों आरोपियों को प्रकरण से बचाने की नियत से एवं पुलिस अनुसंधान को भ्रमित करने की मंशा से प्रकरण में मिथ्या साक्ष्य विवेचना अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर योजना के मुताबिक अजय नागवंशी के नाम से पशु पंजीयन शुल्क रसीद तैयार कर प्रस्तुत किये। आरोपी जहीर खान द्वारा स्वयं को प्रकरण में जप्तशुदा वाहन का स्वामी होना विवेचना अधिकारी के समक्ष बताया गया। आरोपियों द्वारा एक राय होकर मिथ्या साक्ष्य गढ़ने, साक्ष्य के लिये कूटरचना करने, मुख्य आरोपियों को न्यायालय के समक्ष उपस्थिति से बचाने से उक्त आरोपियों के विरूद्व धारा 318(2), 336(2), 340(2), 229(2), 237, 238, 3(5) बीएनएस 2023 के अन्तर्गत कार्यवाही कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

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