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भाजपा के पूर्व पार्षद व पालिका उपाध्यक्ष पर कार्यालयीन कार्य में हस्तक्षेप का आरोप जॉच बाद खारिज

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. भाजपा के पूर्व पार्षद व पालिका उपाध्यक्ष रहे जिला भाजपा के महामंत्री रामाधार रजक पर कार्यालयीन कार्य में हस्तक्षेप का आरोप जॉच बाद पालिका प्रशासन ने खारिज कर दिया हैं। ज्ञात हो कि पालिका में कांग्रेस के 9 निर्वाचित पार्षदों ने रामाधार पर गंभीर आरोप लगाया था और कलेक्टर से शिकायत की थी जिसके बाद कलेक्टर ने मामले में जॉच का आदेश दिया था। बता दे कि नगर पालिका में भाजपा के पूर्व पार्षद रामाधार रजक पर कार्यालय आकर शासकीय कार्यों में अवैधानिक रूप से हस्तक्षेप करने का कांग्रेसी पार्षदो के आरोप का सीएमओ ने अपने जांच प्रतिवेदन में आधारहीन बताया। मामले मे कलेक्टर कार्यालय से पांच बिंदुओ मे शिकायत जांच के लिए निर्देशित किया गया था।

जांच के बाद कलेक्टर को प्रेषित प्रतिवेदन में सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने स्पष्ट तौर पर अभमत देते हुए शिकायत को आधारहीन और तथ्यो से परे बताते हुए कहा कि कार्यालय मे पदस्थ किसी भी संवर्ग के कर्मचारी ने शिकायत पत्र में लिखे तथ्यो के समर्थन मे कोई कथन नही किया है। कलेक्टर को सौंपे शिकायत आवेदन के पूर्व भी उन तक किसी भी पार्षद ने लिखित या मौखिक शिकायत नहीं की है। पत्र मे तथ्यो की पुष्टि के लिए किसी भी प्रकार का दस्तावेज संलग्र नही किए जाने के कारण शिकायत आवेदन मनगढ़त, बेबुनियाद व बनावटी प्रतीत होता है इसलिए उक्त शिकायत आवेदन को नस्तीबद्ध किया जाना सही होगा।

बीते दिनो कांग्रेसी पार्षद दीपक देवांगन, पुरुषोत्तम वर्मा, सुमित टांडिया, शत्रुहन घृतलहरे, दिलीप राजपूत, दिलीप लहरे, शैलेन्द्र वर्मा, टिकेश्वरी पटेल, सुमन पटेल ने कलेक्टर को सौंपे शिकायत आवेदन मे कहा था कि वो अलग-अलग वार्डों से निर्वाचित पार्षद होकर वार्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि भाजपा के पूर्व पार्षद रामाधार रजक किसी पद में नहीं होने के बाद भी रोज नपा कार्यालय पहुँचकर विभिन्न विभागों के फाइलों को निकालकर उसे देखते है और कांग्रेसी पार्षदों द्वारा किए जा रहे कामो में बिना किसी अधिकार कर्मचारियों पर उल्टा सीधा दबाव बनाकर व्यवधान पैदा कर रहे हैं। कांग्रेसी पार्षदों ने कलेक्टर को बताया था कि इसे लेकर वो सीएमओ से भी कई बार मौखिक शिकायत कर पूर्व भाजपा पार्षद के हस्तक्षेप को रोकने कह चुके है लेकिन रामाधार रजक कार्यालय में आकर फाइलो का अवलोकन कर विकास कार्यों में अवरोध उत्पन्न कर रहे है। उनका कहना था कि पूर्व पार्षद अनाधिकृत रूप से प्रधानमंत्री आवास में स्वीकृत पार्षदों के वार्डों के हितग्राहियों की राशि को बिना कारण के अधिकारियों पर दबाव बनाकर भुगतान रूकवा रहे है और अपने लोगो को गलत तरीके से राशि का आबंटन करवा रहे है। कांग्रेसी पार्षदो की आपत्ति को लेकर चर्चा रही कि चार बार के पार्षद और उपाध्यक्ष पद पर काम कर चुके रामाधार रजक को लेकर कांग्रेसी पार्षदो को आरोप मिथ्या है। बीस साल की पार्षदी का लंबा अनुभव और नपा अधिनियमो के तहत जानकारी लेने और उसके सार्वजनिक होने पर पोल खुल जाने के डर से कांग्रेसी तथ्यो से परे आरोप लगा रहे है। संस्था प्रमुख होने के नाते अनावश्यक हस्तक्षेप की जानकारी होने पर कार्यालयीन कर्मचारी की शिकायत पर सीएमओ इसमे रोक लगा सकते है। सीएमओ प्रमोद शुक्ला द्वारा अलग अलग संवर्ग के कर्मचारियो से ली जानकारी बाद प्रेषित प्रतिवेदन मे उक्त शिकायत आवेदन को बनावटी बताया है इससे लोगो की शंका सही साबित हुई कि कांग्रेसी पार्षद मिथ्या आरोप लगा रहे है।

सत्ता जाने के बाद से कांग्रेसी पार्षद बौखलाकर तथ्यो से परे जाकर आरोप लगा रहे थे जबकि इस प्रकार की कोई बात ही नही है। शिकायत आवेदन मे भी महिला पार्षद की अनुपस्थिति मे दूसरे ने हस्ताक्षर किया था।

रामाधार रजक, पूर्व पार्षद एवं जिला भाजपा महामंत्री

जांच में कांग्रेसी पार्षदों की शिकायत निराधार पाई गई है। जांच कर प्रतिवेदन कलेक्टर साहब को प्रेषित की गई हैं।

प्रमोद शुक्ला, मुख्य नगर पालिका अधिकारी खैरागढ़

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