बादल फटने से उत्तरकाशी में भारी तबाही : धराली गांव में 4 की मौत, 50 से अधिक लापता

हर्षिल आर्मी कैंप भी चपेट में, 25 से 35 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका, पीएम और सीएम ने जताया दुख
सत्यमेव न्यूज उत्तरकाशी. मंगलवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। यह गांव हर्षिल स्थित भारतीय सेना के कैंप से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अचानक आई इस आपदा में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र में मौजूद स्थानीय लोगों और पर्यटकों की संख्या लगभग 200 थी। आपदा के कारण क्षेत्र में बनी 25 से 30 होटल व दुकानें भी मलबे के सैलाब में बह गईं। जिला प्रशासन ने 25 से 35 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई है। हर्षिल में स्थित सेना के 14 यूनिट वाला कैंप भी इस आपदा की चपेट में आया है। कैंप के भीतर स्थित आर्मी मेस और कैफे क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई जवानों के लापता होने की भी खबर है। इसके अलावा हर्षिल में नदी किनारे बना हेलीपैड भी बाढ़ में बह गया जिससे राहत कार्य प्रभावित हो रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर आईआरएस सिस्टम सक्रिय किया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, राजस्व विभाग और स्थानीय पुलिस राहत और बचाव कार्य में युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि “स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, “मैं उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और ईश्वर से सभी की कुशलता की कामना करता हूं।” उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर हालात की जानकारी ली और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। प्रशासन ने क्षेत्रवासियों और यात्रियों से अपील की है कि वे नदी और बहाव वाले क्षेत्रों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं। गंगोत्री धाम के पास स्थित इस क्षेत्र में बारिश अब भी जारी है और पुनः बादल फटने की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं प्रशासनिक और आपदा प्रबंधन दल, राहत कार्य लगातार जारी।