
मोर गांव-मोर पानी महाभियान से गाड़ाडीह-पाटा में जल संरक्षण की मिसाल कायम
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। जिले के छुईखदान विकासखंड के ग्राम गातापार के आश्रित गांव गाड़ाडीह और पाटा में लंबे समय से वर्षा आधारित खेती ही किसानों की मजबूरी रही है। तेज ढलान और तीव्र बहाव के कारण बारिश का पानी कुछ ही दिनों में नाले से निकल जाता था जिससे मिट्टी की नमी तेजी से घटती और रबी फसल बोना लगभग नामुमकिन हो जाता था। बढ़ते जल संकट के समाधान के लिए मोर गांव मोर पानी महाभियान के तहत मनरेगा से मोहलईन खोल नाला पर सात गेबियन चेक डेम निर्माण की पहल शुरू की गई जिसने गांवों की किस्मत ही बदल दी।

गेबियन चेक डेम से नाले में कई महीनों तक जल संचयन
पत्थरों और लोहे की जाली से बनी गेबियन संरचनाएं न सिर्फ पानी रोकने में सक्षम हैं बल्कि समय के साथ इनकी मजबूती भी बढ़ती जाती है। इन बांधों के कारण नाले में पानी का बहाव धीमा हुआ और पहले जहां सिर्फ कुछ हफ्तों तक ही पानी टिक पाता था वहीं अब दिसंबर तक भी जल उपलब्ध रहने लगा है। खेतों में नमी बनी रहने से किसानों को पूरे सीजन भरोसेमंद सिंचाई मिली है।
गीआईएस सर्वे के आधार पर बनी प्रभावी कार्ययोजना
निर्माण कार्य शुरू करने से पहले नाले और आसपास के 118.12 हेक्टेयर कैचमेंट क्षेत्र का विस्तृत गीआईएस सर्वे कराया गया। ड्रेनेज लाइन और सतही प्रवाह के वैज्ञानिक अध्ययन के बाद गाड़ाडीह में पाँच और पाटा में दो गेबियन चेक डेम स्वीकृत किए गए। इसके साथ नाले की गाद सफाई जलभराव भूमि निकासी और कच्ची नाली निर्माण जैसे कार्यों ने पानी की दिशा और उपयोग को बेहतर बनाया। इस जलग्रहण विकास से नाले में जल संचयन उल्लेखनीय रूप से बढ़ा और खेतों में नमी लंबे समय तक बनी रहने लगी।
परियोजना से मिला रोजगार और बढ़ा कृषि उत्पादन
15.671 लाख की स्वीकृति वाली इस परियोजना पर 13.169 लाख रुपए व्यय हुए। निर्माण अवधि में ग्रामीणों को 1229 मानव दिवस का रोजगार मिला जिससे परिवारों की आमदनी में तुरंत सुधार दिखाई दिया। नाले के दोनों ओर लगभग 75 से 80 एकड़ भूमि अब सुरक्षित सिंचाई के दायरे में आ चुकी है। किसान अब सिर्फ खरीफ ही नहीं बल्कि रबी फसल भी आत्मविश्वास के साथ ले रहे हैं। उत्पादन बढ़ने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूत हुई है।
जल संरक्षण ने बदली गांवों की तस्वीर
जो पानी पहले तेज बहाव के साथ गांव से बाहर निकल जाता था वही अब खेतों को सींचते हुए किसानों की समृद्धि का आधार बन गया है। मोर गांव मोर पानी महाभियान ने गाड़ाडीह और पाटा के किसानों को सिर्फ पानी ही नहीं बल्कि बेहतर आजीविका स्थिर आय और एक सुरक्षित भविष्य का भरोसा भी दिया है।