बघमर्रा में सार्वजनिक भूमि पर खाद गड्ढा से बढ़ी परेशानी

दूषित पानी से बढ़ रहा महामारी का खतरा
शिकायत बाद प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
विधायक प्रतिनिधि के नेतृत्व में सौंपा गया ज्ञापन
पंचायत की लापरवाही से नाराज ग्रामीण बोले- महामारी फैलना तय
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। स्वच्छता और स्वास्थ्य की अनदेखी ग्रामीण अंचलों में गंभीर संकट खड़ा कर रही है। ऐसा ही मामला ग्राम बघमर्रा में सामने आया है जहां सार्वजनिक एवं शासकीय भूमि पर खाद का गड्ढा बना दिया गया है। यह गड्ढा न केवल गांव की सुंदरता बिगाड़ रहा है बल्कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है। ग्राम बघमर्रा निवासी कामरतन वर्मा पिता मशाराम वर्मा 45 वर्ष ने इस गंभीर समस्या को लेकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खैरागढ़ को आवेदन सौंपा। यह आवेदन विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन के नेतृत्व में अधिकारियों को सौंपा गया। शिकायत में कहा गया है कि गांव के ही गुलाब वर्मा पिता मानिक वर्मा 55 वर्ष ने सार्वजनिक भूमि पर खाद का गड्ढा खोदकर उसमें गोबर और घरेलू कचरा डालना शुरू कर दिया है। बरसात में यह गड्ढा पानी से भर जाता है और आसपास बदबू फैलने लगती है। सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि पास ही स्थित हैंडपंप का पानी भी दूषित हो रहा है। यह हैंडपंप वार्ड क्रमांक 07 और 08 की घनी आबादी वाले क्षेत्र में है जहां सैकड़ों लोग पीने के पानी के लिए इसी पर निर्भर हैं। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि दूषित पानी के कारण डायरिया, हैजा और पेचिश जैसी बीमारियां फैल सकती हैं। वहीं बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा भी मंडरा रहा है। आवेदक कामरतन वर्मा ने बताया कि सरपंच और सचिव से शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पंचायत की उदासीनता से ग्रामीणों में नाराजगी है। उनका कहना है कि यदि समय रहते गड्ढे को नहीं भरा गया तो गांव में महामारी फैलना तय है जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ेगा। विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। सार्वजनिक जगह पर खाद गड्ढा बनाकर ग्रामीणों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। दूषित पानी से महामारी फैलने का खतरा वास्तविक है। मैंने इस बाबत प्रशासन को अवगत कराया है और मांग करता हूँ कि तत्काल कार्रवाई करते हुए गड्ढे को भरा जाए। यदि जिम्मेदार अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि समय पर कदम नहीं उठाते हैं तो हम आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।