फर्जी आवास मामले में रोजगार सहायक, तकनीकी सहायक और आवास मित्र बर्खास्त

सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी की रिपोर्ट खैरागढ़। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में सिवनीकला ग्राम के हितग्राही रामानंद के नाम पर दमदारी से हुए फर्जीवाड़े ने जिला प्रशासन को हिला दिया है। मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार करते हुए बिना आवास के ईंट-दीवार खड़ी हुए ही योजना की सभी चार किस्तों का 1.30 लाख रुपये जारी कर दिया था। मामले में पोर्टल पर आवास पूर्ण दिखाया गया वहीं भौतिक सत्यापन में आवास भूमि खाली मिली है। इस पूरे मामले ने पंचायत के निगरानी तंत्र की गंभीर विफलता और जिले में खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया है। मामले में जांच रिपोर्ट सामने आते ही जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है।

जांच में यह साफ हुआ है कि तकनीकी सहायक प्रवेश शुक्ला ने तीनों चरणों के संदिग्ध जियो टैग स्वीकृत किए जबकि स्थल पर वास्तविक निर्माण कार्य हुआ ही नहीं था। इन्हीं गलत टैगों के आधार पर सरकारी राशि की किस्तें जारी की गईं और खाते से रकम भी निकाली गई। अब जिला पंचायत ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए एक माह पूर्व नोटिस देकर 31 दिसंबर 2025 से पद से पृथक करने का आदेश जारी कर दिया है। जिला पंचायत सीईओ कि उक्त कार्रवाई ने सरकार की स्पष्ट मंशा को सामने रखा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

दूसरी बड़ी अनियमितता मनरेगा में सामने आयी जहां अप्रारंभ आवास पर 90 दिनों की मजदूरी जारी करना साबित करता है कि पूरा मामला सुनियोजित फर्जीवाड़ा था।
जांच में पाया गया कि स्थल पर कोई कार्य नहीं हुआ था। इसे अत्यंत गंभीर आर्थिक अनुशासनहीनता मानते हुए जनपद पंचायत ने रोजगार सहायक थुकेल मरकाम को 18 दिसंबर 2025 से पद से हटा दिया।

जांच टीम ने पाया कि आवास मित्र द्वारा अपलोड किए गए शुरुआती फोटो असंगत थे और आगे की जियो टैगिंग में भी भारी विसंगतियां रही। प्रक्रिया में यह ढिलाई हितग्राही के आवास को वर्षों तक लंबित रखने का कारण बनी। आवास स्वीकृत का मामला सन 2019 का था। विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए आवास मित्र को भी सेवा से बाहर कर दिया। ग्राम स्तर पर तीनों स्तर पर हुई लगातार गलतियों ने पूरे पंचायत क्षेत्र में चर्चाओं का माहौल खड़ा कर दिया और मामला लगातार मीडिया की सुर्खियों में भी रहा।

जिला पंचायत सीईओ प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि मामले के संज्ञान में आने के बाद आवास मित्र व रोजगार सहायक पर पहले ही कार्रवाई की जा चुकी थी। सोमवार को तकनीकी सहायक के विरुद्ध भी कार्रवाई कर दी गई है। सीईओ श्री पटेल ने कहा कि हितग्राही के खाते में भेजी गई राशि वास्तविक रूप से उसे ही प्राप्त हुई है और वह अब निर्माण शुरू कर चुका है। आवास का कार्य प्लिंथ लेवल तक पहुँच चुका है। श्री पटेल ने आगे कहा है कि योजनाओं की राशि से खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। एक ही प्रकरण में तीन कर्मियों की बर्खास्तगी ने स्पष्ट कर दिया है कि जिला प्रशासन प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार, फर्जी जियो टैगिंग, और मनरेगा में कागजी हाजिरी जैसे मामलों पर अब किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगा। बहरहाल यह कार्रवाई अन्य पंचायतों के लिए भी सख्त चेतावनी मानी जा रही है।

Exit mobile version