
छात्राओं ने गीत-नृत्य, व्यंजन व वेशभूषा के माध्यम से दिखाया छत्तीसगढ़िया गौरव
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी की रिपोर्ट खैरागढ़। नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय खैरागढ़ में प्राचार्य डॉ.ओ.पी. गुप्ता के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ महतारी के तैलचित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन के बाद राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार’ के सामूहिक गायन से हुई। बी.कॉम तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति के लोकप्रिय गीत ‘मोर संग चलव रे’ की मधुर प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में लोकसुरों की छटा बिखेरी वहीं प्राचार्य डॉ.गुप्ता ने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ी भाषा की महत्ता, इतिहास तथा राजभाषा दिवस मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए इसके संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं और प्राध्यापकों ने छत्तीसगढ़ी व्यंजन, लोक परिधान, लोकनृत्य, लोकगीत एवं समूहगीत के माध्यम से समृद्ध छत्तीसगढ़ी संस्कृति का आकर्षक प्रदर्शन किया। व्यंजन प्रतियोगिता में छात्राओं ने पारंपरिक पकवान जैसे गुलगुल भजिया, चावल फरहा, रोठ रोटी, दूध फरा, अनरसा और तसमई (विशिष्ट खीर) प्रस्तुत कर अपनी उत्साहपूर्ण भागीदारी दर्शाई। सुआ नृत्य की सामूहिक प्रस्तुति छात्रा यमुना एवं उनकी टीम ने दी जिसने उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्राओं ने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक परिधानों एवं आभूषणों यथा नागमोरी, माथापट्टी, कलगी, बाजूबंद, करधनी आदि का परिचय देकर लोक-संस्कृति की आत्मीय पहचान को उजागर किया। छात्रा साक्षी, यमुना, जिया रानी, करीना, सुमन ज्योति, पुष्पलता, पेमिका, तुलेश्वरी व तामेश्वरी सहित अन्य छात्राओं ने अपने पूरे उत्साह और समर्पण से कार्यक्रम को सफल बनाया। इतिहास विभाग के अ.प्राध्यापक दुर्वासा सिन्हा ने छत्तीसगढ़ी संवाद प्रस्तुति के साथ प्रसिद्ध साहित्यकार मीर अली मीर का परिचय देते हुए रोचक अंदाज में छत्तीसगढ़ी गीत प्रस्तुत किया। हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ.मेधावनी तुरे ने कार्यक्रम का सुचारु संचालन करते हुए छत्तीसगढ़ की सभ्यता, संस्कृति और विशिष्ट शैली पर सारगर्भित प्रकाश डाला। आभार प्रदर्शन सुश्री मैथिली पटेल ने किया। इस अवसर पर प्राध्यापकगण अजय वर्मा, मानिकचंद बंजारे, शिखा जोशी, पायल सुधाकर, टिकेश्वरी साहू, सौरभ साहू, वासुदेव साहू और वर्षा साहू सहित समस्त संकाय सदस्य उपस्थित रहे।