पैरालीगल वालिंटियर ने मानसिक रुप से अस्वस्थ रोगी का रेस्क्यु कर न्यायाधीश के निर्देश पर कराया उपचार
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के सचिव देवाशीष ठाकुर के आदेशानुसार तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ के अध्यक्ष चन्द्र कुमार कश्यप के आदेशानुसार थाना गातापार जंगल के पास एक अज्ञात मानसिक रोगी मिला जिसे 24 फ़रवरी को रात्रि में आई टी बी बी ने रेस्क्यु गया. जैसे ही पता चला वह मानसिक रोगी है. उसे 25 फरवरी को थाना गातापार जंगल मे सुपुर्द किया गया. अगले दिन 26.फरवरी को पैरालीगल वालिंटियर छबिराज लाझंकर एवं थाना प्रभारी अनिल कुमार शर्मा उनकी टीम पुलिस बल एवं आरक्षक तेजान सिंह धुर्वे और आरक्षक आशिष चन्द्रवशी ने उसे रेस्क्यु किया. उसे पूछा गया की आप कौन हैं. कहाँ से आए हैं, वह बहुत डरा हुआ था. पुछने पर ठीक से कुछ नही बताया. बात करने पर अपना नाम कुन्नू मांझी पिता का नाम राम माझी बताया निवासी बिनपातिया, जिला- केनुझर,उडीसा बताया.और गलत मोंबाइल न. बताया एक मोंबाइल न. सही था परिवार वालों से बात करने पर बोला गया आप अपने बेटे को ले जाओ तो परिवार वालो द्वारा नही आ सकते कहा गया. बहुत समझाने पर उनको आने के लिए कहा गया. 26 फरवरी तालुका विधिक सेवा समिति के आदेशानुसार एक प्रतिवेदन तैयार किया गया. प्रतिवेदन तैयार कर जिला चिकित्सालय में ले जाया गया. एवं उसका इलाज कराया गया. मानसिक रोगी को पैरालीगल वालिंटियर छबिराज लाझंकर एवं पुलिस बल, आरक्षक तेजान सिंह धुर्वे द्वारा अस्पताल ले जाया गया. खैरागढ़ में डा.पंकज वैष्णव के द्वारा उसे देखा गया एवं उसकी हालत खराब है बताया गया उसे जिला चिकित्सालय राजनांदगांव रिफर किया गया. सह सहयोग के मे रुप पैरालीगल वालिंटियर शालिनी यादव ने पुलिस बल एवं आरक्षक तेजान सिंह धुर्वे ने उसका इलाज कराया अश्वस्थ मानसिक रोगी अपना नाम बताने में समर्थ था जिला चिकित्सालय राजनांदगांव में उसकी हालत ठीक है. आगे की कार्यवाही के लिए उसी रात उसे गातापार थाना वापस लाया गया अगले दिन 27 फरवरी को आगे की कार्यवाही की तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्टेट विवेक गर्ग के आदेशानुसार एक प्रतिवेदन तैयार किया जिसमें लिखा गया कि अवस्थ्य रोगी कुनु माझी को उसके घर भेजा जा जाये. जिसके लिए आदेश प्रतिवेदन को पैरालीगल वालिंटियर छबिराज लाझंकर के द्वारा थाना गातापार एवं एसपी खैरागढ को एक प्रतिवेदन भेजा गया. जल्द आगे की कार्यवाही करने को कहा गया. अवस्थ्य रोगी कुनु माझी को पुलिस बल द्वारा उसे दिनांक 28 फरवरी को रायपुर छोड़ा गया. जहा उसके बड़े भाई के हाथो में कुनु माझी को सौंपा गया. और रात की ट्रेन से सफलता पूर्वक उसे घर पहुचांया गया.