Advertisement
Untitled design
Untitled design
previous arrow
next arrow
Uncategorized

पुत्री शाला में पांच दशक बाद हुआ भूतपूर्व छात्राओं का संगम

सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी खैरागढ़। शासकीय कन्या शाला (पूर्व में पुत्री शाला) खैरागढ़ में एक अनोखे संगम की साक्षी बनी। पांच दशक बाद आयोजित भूतपूर्व छात्रा सम्मेलन में जब सैकड़ों पूर्व एवं भूतपूर्व छात्राएं अपनी पुरानी सहेलियों से गले मिलीं तो पूरा माहौल भावुक हो उठा। किसी की आंखें छलक पड़ीं तो कोई पुरानी तस्वीरों को निहार कर भाव-विभोर हो गई और किसी के चेहरे पर बचपन जैसी मासूम मुस्कान लौट आई। इस अनोखे सम्मेलन में लगभग 50 साल पहले सन 1976 बैच की पूर्व छात्राएं भी शामिल हुई जो आज दादी और नानी बन चुकी हैं।

सन 1927 में स्थापित यह ऐतिहासिक संस्थान अब शताब्दी वर्ष की ओर बढ़ रहा है। इस लंबे सफर में विद्यालय ने अनगिनत छात्राओं को शिक्षित और सशक्त बनाकर समाज की मुख्यधारा में खड़ा किया। इसी स्वर्णिम परंपरा को याद करने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प इस आयोजन में दिखाई दिया।

सम्मेलन का शुभारंभ जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, सांसद प्रतिनिधि भागवत शरण सिंह, जिला पंचायत सभापति ललित चोपड़ा, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि नंद चंद्राकर, राज्य शिक्षा स्थायी समिति सदस्य नरेंद्र सिंह राजपूत, संस्था के अध्यक्ष आलोक श्रीवास, समाजसेवी अशोक मूणत, विकेश गुप्ता आयश सिंह बोनी, शशांक ताम्रकार, शैलेंद्र मिश्रा, नीलिमा गोस्वामी, ऋषभ सिंह, महेश गिरी सहित अनेक जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने किया। नगर के नागरिक और बड़ी संख्या में पूर्व छात्राएं व शिक्षक इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने। इस अवसर पर विक्रांत सिंह ने कहा कि विद्यालय ही वह जगह है जहां हम असली जीवन जीते हैं और सच्चे साथी बनाते हैं। यह सम्मेलन हमें बचपन को दोबारा जीने का अवसर दे रहा है और ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए उन्होंने बहुत सी पुरानी स्मृतियों को उकेरा और मंच से ही देर तक भावनात्मक संवाद किया। इससे पहले विद्यालय की सेवानिवृत प्राचार्य डॉ.साधना अग्रवाल ने विद्यालय की अतीत से लेकर अब तक की यात्रा को बड़े ही संवेदनशील शब्दों में सामने रखा और छात्रों को निरंतर बेहतर करने की प्रेरणा दी।

दिनभर चले कार्यक्रम में गीत-संगीत, रस्सी खींच, कुर्सी दौड़, मटकी फोड़ जैसे पारंपरिक खेलों ने छात्राओं को बचपन की गलियों में लौटा दिया वहीं आनंद मेले में लगे स्टालों पर गुपचुप, समोसा, मोमोज और कचौड़ी का स्वाद हर किसी को खूब भाया वहीं नवरात्र पर्व के अवसर पर 21 कन्याओं का पूजन कर उन्हें उपहार भेंट किए गए। भागवत शरण सिंह ने विद्यालय के गौरवशाली इतिहास को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

समापन अवसर पर सांसद संतोष पांडे सहित जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि खम्हन ताम्रकार विशेष तौर पर उपस्थित रहे। सांसद श्री पांडे ने कहा आत्मनिर्भर नारी ही सशक्त भारत की पहचान है। शिक्षा और स्वास्थ्य परिवार व समाज को मजबूत बनाते हैं। इस दौरान विद्यालय प्रबंधन समिति ने घोषणा की कि 2027 में शताब्दी समारोह को भव्य स्वरूप दिया जाएगा वहीं पूर्व छात्राओं ने यह संकल्प लिया कि वे विद्यालय के विकास में सक्रिय योगदान देंगी ताकि आने वाली पीढ़ी भी गर्व से कह सके हम भी पुत्री शाला की छात्रा हैं। समूचे आयोजन को सफल बनाने में विद्यालय के प्राचार्य कमलेश्वर सिंह सहित स्टाफ का उल्लेखनीय योगदान रहा।

Satyamev News

आम लोगों की खास आवाज

Related Articles

Back to top button

You cannot copy content of this page