
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। ब्लॉक के ग्राम लालपुर स्थित शासकीय प्राथमिक शाला जो वर्ष 1962 से संचालित है आज शिक्षा के क्षेत्र में विकास और नवाचार का प्रतीक बन चुकी है। पहले जहां विद्यालय का भवन जर्जर और सुविधाओं का अभाव था वहीं अब यह शाला पीएम श्री विद्यालय योजना के अंतर्गत चयनित होने के बाद आधुनिक संसाधनों, आकर्षक वातावरण और नवीन शिक्षण पद्धतियों से परिपूर्ण है। विद्यालय के चयन उपरांत मुख्यमंत्री शाला जतन योजना से भवन की मरम्मत कराई गई। अब प्रत्येक कक्षा रंगीन, स्वच्छ और प्रिंट-रिच सामग्री से सुसज्जित है जो बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को रोचक एवं प्रभावशाली बनाती है। शाला में डिजिटल कक्षाओं की भी शुरुआत की गई है जहां टीवी और साउंड सिस्टम के माध्यम से बच्चों को आधुनिक तकनीक से अध्यापन कराया जा रहा है। परिणामस्वरूप वर्ष 2023 में जहां विद्यार्थियों की संख्या 56 थी वहीं अब यह बढ़कर 80 हो गई है। विद्यार्थियों की उपस्थिति और पालकों की सहभागिता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।
स्वच्छता और पेयजल की हुई बेहतर व्यवस्था
विद्यालय परिसर में स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। गीले और सूखे कचरे के लिए कम्पोस्ट गड्ढे, जगह-जगह डस्टबिन और आर.ओ. सिस्टम की व्यवस्था से बच्चों को स्वच्छ पेयजल और साफ वातावरण प्राप्त हो रहा है। शौचालयों में रनिंग वाटर और हैंडवॉश यूनिट लगाई गई है वहीं बालिका शौचालय का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है। परिसर की सुरक्षा हेतु चारों ओर तार फेंसिंग की गई है तथा बागवानी के लिए क्यारियाँ और गमले लगाए गए हैं। सांसद प्रतिनिधि भागवतशरण सिंह के प्रयासों से शाला अहाता निर्माण के लिये राशि स्वीकृत की गई है जिससे परिसर का सौंदर्य और सुरक्षा दोनों में वृद्धि होगी।
संस्कृति और सृजनशीलता का हुआ संगम
विद्यालय में संगीत वाद्य यंत्रों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है जिससे बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। प्रार्थना सभा अब संगीत के साथ अधिक प्रेरणादायी बन गई है। समर कैंप जैसे आयोजनों से विद्यार्थियों की प्रतिभा और सृजनशीलता को नया आयाम मिल रहा है। विद्यालय के किचन शेड का पूर्ण मरम्मत कार्य किया गया है और अब गैस से भोजन तैयार किया जाता है जिससे विद्यालय पूरी तरह धुआँ रहित हो गया है। इससे मिड-डे मील की गुणवत्ता और रसोई का वातावरण दोनों में सुधार आया है। प्रधान पाठिका प्रेरणा सिंह ने बताया कि पीएमश्री विद्यालय बनने के बाद शाला का सर्वांगीण विकास हुआ है। अब बच्चे न केवल पढ़ाई में बल्कि खेलकूद, सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। यह शाला अब पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
शाला विकास में स्थानीय जनप्रतिनिधि, वार्डवासी, पालक और शिक्षा विभाग के अधिकारी सतत सहयोग कर रहे हैं। जिलाधीश, जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, राज्य एवं जिला नोडल अधिकारी, बीआरसी और सीएसी के मार्गदर्शन में विद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
