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राजनांदगांव

पदोन्नति सूची निरस्त करने दिव्यांग व महिला शिक्षिकाओं ने डीईओ से लगाई गुहार

कलेक्ट्रेट में हुई शिक्षाधिकारियों की बैठक पर अब तक निर्णय कुछ नहीं

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नत महिला शिक्षिकाओं एवं दिव्यांग शिक्षकों ने राजनांदगांव जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार सिंह से बुधवार को मुलाकात कर एक बार फिर पदोन्नति सूची निरस्त करने की मांग करते हुये गुहार लगाई है. इस दौरान शिक्षकों ने डीईओ को अपनी पीड़ा बताते हुये कहा कि खैरागढ़ के लगभग 30 से 40 महिला शिक्षिकाएं हैं जिन्हें विकासखंड खैरागढ़ से बाहर छुईखदान विकासखंड क्षेत्र के वनांचल में स्थित स्कूलों में पदोन्नत किया गया है जिसकी दूसरी लगभग 60 से 70 किमी है वहीं कई शिक्षकों की दूरी 100 किमी तक भी है. शिक्षकों ने बताया कि खैरागढ़ एवं छुईखदान विकासखंड में पदोन्नत शिक्षकों के पदंकन में जानबूझकर दुर्भावना से ग्रसित होकर ब्लॉक से बाहर पदोन्नति दी गई है जिसे आम आदमी सहित अधिकरी-कर्मचारी भी स्वीकार कर रहे हैं लेकिन दोषी विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं लिपिकों पर कार्यवाही करने उच्च अधिकारियों के हाथ क्यों बंधे हुये हैं समझ से परे है.

राजनांदगांव डीईओ ने पीडि़त महिला शिक्षिकाओं की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुये आवश्यक संशोधन का आश्वासन दिया. नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ महिला शिक्षिकाओं ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी खैरागढ़-छुईखदान-गंडई प्रधान पाठक की सूची निरस्त करने सहमत हैं. उन्होंने जिलाधीश के विवेक पर डाल दिया है. अगर जिलाधीश चाहे तो पदोन्नति की सूची निरस्त कर सकते हैं काउंसिलिंग प्रक्रिया से शिक्षकों का पुन: पदांकन किया जा सके. बता दे कि शिक्षकों की पदांकन सूची को निरस्त कराने कई सामाजिक संगठन, पीडि़त महिला एवं दिव्यांग शिक्षकों के परिजन भी संगठित हो रहे हैं. प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति के इस मामले को आगामी आम चुनाव से भी जोडऩे का प्रयास कुछ राजनीतिक दलों के द्वारा किया जा सकता है, ऐसे में उच्च अधिकारियों को जल्द से जल्द पदांकन की सूची रद्द कर काउंसिलिंग के माध्यम से निष्पक्ष पदांकन किया जाना चाहिये.

12 को मुख्यमंत्री से मिलेंगे पीडि़त शिक्षक

पदोन्नति के बाद पदांकन में हुई घपलेबाजी को लेकर अब पीडि़त शिक्षकों का दल न्याय की आस लेकर मुख्यमंत्री से मिलने की योजना बना रहा है. पीडि़त शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि आगामी 12 नवंबर को बिना काउंसिलिंग के भ्रष्टाचार के जरिये बनाई गई पदोन्नति व पदांकन सूची के विरोध में पीडि़त शिक्षकों का दल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मिलेगा और लिखित में अपनी शिकायत दर्ज करायेगा. गौरतलब है कि आगामी 12 नवंबर को मुख्यमंत्री श्री बघेल डोंगरगांव विकासखंड के अर्जुनी व सिंघोला में आयेंगे जहां शिक्षा विभाग में हुये घपलेबाजी को लेकर शिकायत दर्ज कराई जायेगी.

हाईकोर्ट जाने की भी तैयारी

दूसरी ओर पीडि़त शिक्षकों का एक जागरूक प्रतिनिधि मंडल पदोन्नति व पदांकन की प्रक्रिया में हुये भारी भ्रष्टाचार को लेकर तथ्यों सहित हाईकोर्ट बिलासपुर की शरण में जाने की तैयारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि भरसक प्रयास के बाद भी प्रशासनिक अमला अपनी ढपली, अपना राग आलाप रहा है तो ऐसे में सबकी निगाहें शासन की ओर है इसलिये पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई जायेगी और अगर यहां भी न्याय नहीं मिला तो पीडि़त शिक्षक कार्यपालिका व विधायिका के बाद लोकतंत्र के प्रथम स्तंभ न्याय पालिका की शरण में जायेंगे.

कलेक्टे्रट में हुई शिक्षा अधिकारियों की बेनतीजा बैठक

दूसरी ओर मंगलवार की दोपहर बाद खैरागढ़ स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में शिक्षा अधिकारियों की मामले को लेकर एक बैठक हुई है लेकिन बैठक बेनतीजा ही रही. बैठक को लेकर खैरागढ़ बीईओ महेश भुआर्य ने कहा कि इस विषय में वे कुछ भी नहीं बता सकते वहीं छुईखदान बीईओ रमेन्द्र कुमार डड़सेना से दूरभाष पर संपर्क करने की लगातार कोशिश की गई पहले उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया फिर मोबाईल स्वीच ऑफ कर दिया. दूसरी ओर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में पदस्थ शिक्षा विभाग के ओएसडी श्री राव ने बताया कि पदांकन सूची को लेकर बहरहाल उनकी कोई भूमिका नहीं है, राजनांदगांव डीईओ ही मामले की जानकारी दे सकते हैं.

खैरागढ़ में आज बैठक हुई है लेकिन पदांकन को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. कल संभवत: कोई निर्णय आयेगा.

राजेश कुमार सिंह, डीईओ राजनांदगांव

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