निष्कासन के भेदभावपूर्ण निर्णय पर सियासी भूचाल, विधायक यशोदा वर्मा ने दी तीखी प्रतिक्रिया

ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षद्वय भीखम छाजेड और आकाशदीप पर लगाया द्वेषपूर्ण राजनीति का आरोप
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी खैरागढ़। जिला कांग्रेस कार्यकारिणी द्वारा नगर के तीन प्रमुख नेताओं विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन, डॉ.अरुण भारद्वाज तथा नगर पालिका में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन को पार्टी से निष्कासित करने के निर्णय ने कांग्रेस संगठन में सियासी हलचल पैदा कर दी है जिसके बाद खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा की ओर से प्रतिक्रिया सामने आयी है।
विधायक ने निर्णय को बताया द्वेषपूर्ण और असंवैधानिक
विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने इस निष्कासन को पूर्णतः द्वेषपूर्ण, संविधानविरोधी और व्यक्तिगत रंजिश से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि विधायक प्रतिनिधि और नेता प्रतिपक्ष को निष्कासित करने का अधिकार जिला कांग्रेस कमेटी के पास नहीं है यह अधिकार केवल प्रदेश कांग्रेस कमेटी को ही है।
जनसेवक नेताओं की लोकप्रियता के खिलाफ रची गई साज़िश
विधायक श्रीमती वर्मा ने कहा कि जिन नेताओं ने कांग्रेस पार्टी और आम जनता की भावनाओं को सशक्त रूप से उठाया उन्हीं के खिलाफ साज़िश रची गई है। उन्होंने भीखम छाजेड और आकाशदीप पर आरोप लगाया कि वे व्यक्तिगत मतभेदों को राजनीतिक रंग देकर संगठन को गुमराह कर रहे हैं।
नवागांव बैठक में विरोध के बीच पहले भी हुआ था प्रयास
विधायक श्रीमती वर्मा ने बताया कि 4 अक्टूबर को नवागांव में शहर एवं ब्लॉक कांग्रेस की बैठक में श्री देवांगन के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोशिश की गई थी लेकिन कार्यकर्ताओं के विरोध और जनाक्रोश के कारण बैठक अराजक माहौल में समाप्त करनी पड़ी। इसके बावजूद श्री छाजेड और श्री आकाशदीप ने दूसरे जिले के कुछ नेताओं के इशारे पर छुईखदान में मनमानी बैठक बुलाकर निष्कासन का निर्णय लिया जो पार्टी संविधान का खुला उल्लंघन है।
विधायक ने उठाए सवाल-जब मतदाता ही नहीं तो ब्लॉक अध्यक्ष कैसे?
विधायक श्रीमती वर्मा ने सवाल उठाया कि जब संबंधित ब्लॉक अध्यक्ष स्वयं खैरागढ़ ब्लॉक के मतदाता नहीं हैं तो वे यहाँ के कार्यकर्ताओं पर निर्णय थोपने का अधिकार कैसे रख सकते हैं? उन्होंने कहा कि ब्लॉक अध्यक्ष पद की प्रक्रिया जारी है और पद हाथ से निकलते देख कुछ लोग अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी के सच्चे सिपाही हैं तीनों नेता
विधायक श्रीमती वर्मा ने कहा कि दीपक देवांगन नगर में नेता प्रतिपक्ष के रूप में प्रत्येक वार्ड की जनता की समस्याएँ उठा रहे हैं वहीं कांग्रेस के कर्मठ नेता मनराखन देवांगन और डॉ.अरुण भारद्वाज विधायक प्रतिनिधि के रूप में लगातार जनता के बीच रहकर कांग्रेस की नीतियों को जन-जन तक पहुँचा रहे हैं। ऐसे कर्मठ और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखाना अन्यायपूर्ण है और कांग्रेस की मूल भावना व आंतरिक लोकतंत्र पर चोट है।
बिना विधायक की सहमति के कार्रवाई निरस्त योग्य
विधायक यशोदा वर्मा ने स्पष्ट किया कि जिला कांग्रेस को विधायक प्रतिनिधियों के निष्कासन का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। यह निर्णय साजिशन गैर-संवैधानिक और दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को दे दी गई है उन्होंने भी निष्कासन को असंवैधानिक और दुर्भावनापूर्ण बताया है।
पार्टी के वफादारों पर वार करना निष्क्रिय नेताओं की साजिश
विधायक श्रीमती वर्मा ने कहा कि कांग्रेस के कर्मठ नेता मनराखन देवांगन की जिलाध्यक्ष पद की सशक्त दावेदारी से चिंतित निष्क्रिय नेताओं ने यह प्रस्ताव पारित किया है। आम बैठक में असफल होने के बाद बाहरी निर्देशों पर यह कदम उठाया गया। अंत में विधायक यशोदा वर्मा ने कहा कि मनराखन देवांगन, डॉ.अरुण भारद्वाज और दीपक देवांगन कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और आगे भी पूरी निष्ठा से जनता एवं पार्टी के लिए कार्य करते रहेंगे।