नि:शुल्क प्रतियोगी परीक्षा में जिले के 1526 युवा हुये शामिल
लक्ष्य से अधिक युवाओं ने दिलाई प्रतियोगी परीक्षा
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. नवगठित जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में कलेक्टर डॉ.जगदीश सोनकर के निर्देशन में नवाचारी पहल की गई जिसमें जिले के युवा बेरोजगारों को नि:शुल्क हाइब्रिड कोचिंग दिया जाना है. इस कोचिंग में भाग लेने शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिये महाविद्यालयों में चयन परीक्षा आयोजित की गई जहां अपना बेहतर भविष्य निर्माण करने जिले के 1526 युवा शामिल हुये. ज्ञात हो कि जिला प्रशासन द्वारा रेलवे, बैंकिंग, पटवारी, शिक्षक भर्ती, एसएससी, छग व्यापम, छग पीएससी आदि परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग के लिये शिक्षित युवाओं का सेमीनार कर कोचिंग व चयन परीक्षा के लिये उनका उन्मुखीकरण किया गया था. उक्त आयोजन और जिला प्रशासन द्वारा नियमित प्रचार-प्रसार से प्रेरित होकर जिले से लगभग 1100 अभ्यर्थियों ने पंजीयन कराया था. चयन परीक्षा की गंभीरता को देखते हुये कलेक्टर डॉ.सोनकर ने जिले के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया था, जिले का लक्ष्य था कि अधिक से अधिक युवा बेरोजगार इस चयन परीक्षा में शामिल हो और नि:शुल्क कोचिंग का लाभ ले सके.
जिले में आयोजित चयन परीक्षा में सभी 7 महाविद्यालयों में कुल 1526 परीक्षार्थी शामिल हुये जिसमें रानी रश्मीदेवी महाविद्यालय खैरागढ़ में सर्वाधिक 618 परीक्षार्थी, स्व.देवी प्रसाद चौबे महाविद्यालय गंडई में 164, रानी दुर्गावती महाविद्यालय साल्हेवारा में 61, रानी अवंतीबाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र छुईखदान में 98, पॉलिटेक्निक खैरागढ़ में 269, रानी अवंतीबाई महाविद्यालय छुईखदान में 250, नवीन महाविद्यालय ठेलकाडीह में 66 परीक्षार्थी शामिल हुये. जिले से कुल 1100 युवाओं ने पंजीयन कराया था लेकिन जिला प्रशासन की कड़ी मेहनत से जिले में कुल 1526 युवा परीक्षा में शामिल हुये, इस तरह कुल 138 फीसदी युवाओं की उपस्थिति रही. चयनित अभ्यर्थियों को महेन्द्रा कोचिंग, एकलव्य एकेडमी और अन-एकेडमी आदि संस्थानों के द्वारा हाइब्रिड मोड में कोचिंग दी जायेगी. कलेक्टर के निर्देशानुसार चयन परीक्षा के सुचारू संचालन के लिये मॉनिटरिंग टीम गठन कर परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया गया. मॉनिटरिंग दल में हाईब्रिड कोचिंग के जिला नोडल अधिकारी डॉ.मकसूद अहमद, बीईओ सुश्री नीलम राजपूत व बीआरसी सुजीत सिंह चौहान ने परीक्षा केंद्रों में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और केंद्राध्यक्ष व कक्ष निरीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये.