डोंगरगढ़ जनपद पंचायत में परिचितों को लाभ पहुंचाने नियम विरुद्ध कर दी गई डाटा ऑपरेटर की नियुक्ति
2019 से डाटा ऑपरेटर के पद पर 6 लोग हैं कार्यरत
डोंगरगढ़. राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना (आरजीएसए) अंतर्गत चयनित क्लस्टर में डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति कलेक्टर दर 10 हजार 140 रुपये पर रखे जाने के संबंध में शासन से नियमानुसार नियुक्ति करने का निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डोंगरगढ़ को दिया गया था. वर्ष 2019 में प्राप्त पत्र के आधार पर तत्कालीन जनपद सीईओ द्वारा नियमों का पालन न कर अपने परिचितों को लाभ पहुंचाते हुए आर्थिक अनियमितता की गई है. नियुक्ति से संबंधित दस्तावेजों की सूक्ष्मता से जांच की जाए तो जालसाजी का बड़ा मामला सामने आ सकता है.जनपद क्षेत्र में बनाए गए 6 कलस्टर के अनुसार निर्धारित ग्रामों में डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की गई थी.
कलस्टर में बनाए गए सेंटर के ग्राम ढारा, मुसराकला, चारभाटा, डोंगरगढ़, लाल बहादुर नगर व मुरमुंदा क्लस्टर के नाम से नियुक्त सभी ऑपरेटरों को अपने-अपने सेंटर से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना था परन्तु यह देखने को मिल रहा है कि सभी ऑपरेटर डोंगरगढ़ जनपद में बैठकर अपने कार्यों का संपादन कर रहे हैं. ढारा सहित बनाए गए अन्य सेंटरों के अंतर्गत आने वाले पंचायतों के जनप्रतिनिधि को अपने कार्यों के लिए डोंगरगढ़ जनपद का चक्कर लगाना पड़ता है जिससे सरपंचों को अधिक परेशानी हो रही है. नियुक्ति में नियमों को दरकिनार किया गया है.
जनपद सीईओ से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार नियुक्त किए गए डाटा ऑपरेटरों को किसी प्रकार का नियुक्ति आदेश नहीं दिया गया है. जनपद पंचायत की सामान्य परिषद की बैठक में नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव को नहीं लिया गया. अनाधिकृत रूप से तत्कालीन जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा दस्तावेज के नाम से मात्र संयुक्त रूप से बनाई गई सूची को अधिकृत किया गया है. विभाग की प्रभारी अधिकारी श्रीमती रानू नागवंशी की ओर से प्राप्त दस्तावेजों में नियुक्ति से संबंधित नियमावली या किस शर्तों के तहत ऑपरेटरो की नियुक्ति की गई है उससे संबंधित जानकारी प्रदान नहीं की गई है.
योग्यता वाले हुए बेरोजगार, नियम विरुद्ध वेतन का हुआ भुगतान
शासन से प्राप्त नियमों के तहत डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की जाती तो पद की योग्यता रखने वाले को प्राथमिकता मिलती किंतु आर्थिक लाभ के लिए जनपद सीईओ द्वारा योग्यता रखने वाले को नजरअंदाज कर दिया गया. जिस प्रकार डाटा ऑपरेटरों की नियुक्ति में अनियमितता बरती गई है, उसी प्रकार सभी डाटा ऑपरेटरों को नियम विरुद्ध वेतन का भुगतान किस आधार पर किया जा रहा है यह समझ से परे है. मामले को लेकर जनपद अध्यक्ष भावेश सिंह ने डाटा ऑपरेटर की नियुक्ति को लेकर कहा कि उन सभी की नियुक्ति पूर्व कार्यकाल में हुई है. नियुक्ति किसके आदेश के तहत हुई है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. नियुक्ति को लेकर शिकायत प्राप्त हुई है, सीईओ से जांच कराने को कहा गया है वही दूसरी ओर जनपद पंचायत डोंगरगढ़ की सीईओ दिव्या ठाकुर का कहना है कि शिकायत प्राप्त हुई है जल्द जांच की जाएगी।