नगर पालिका की सामान्य सभा में गूंजे जनहित के कई सवाल: तीखी बहस बीच देर तक चलता रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. नगर पालिका खैरागढ़ की सामान्य सभा की बैठक विवादों के बीच प्रारंभ हुई। बैठक की शुरुआत पहलगाम हमले में शहीद हुए देशवासियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखकर की गई। इसके तुरंत बाद सदन में पालिका के जनप्रतिनिधियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया जिससे सदन का माहौल गरमा गया। नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन ने पूर्व बैठकों के प्रस्तावों की प्रगति पर सवाल उठाते हुए कहा कि पालिका में हाई मास्क लाइट समेत कई योजनाएं सिर्फ कागजों में सीमित हैं। उन्होंने कहा, “पहले भी प्रस्ताव पारित हुआ था लेकिन धरातल पर कार्य नहीं हुआ आखिर इसकी जवाबदेही कौन लेगा?” इस बयान के बाद पालिका के सदन में एक नई बहस छिड़ गई।

आरोप-प्रत्यारोप के बीच चलती रही तीखी बहस
आरोप-प्रत्यारोप और तीखी बहस के बीच सदन का माहौल गरमा गया। जनप्रतिनिधियों के बीच तकरार बढ़ती जा रही थी। इस बीच वार्ड 11 के पार्षद रूपेन्द्र रजक ने विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन को टोका और कहा “आपको सिर्फ सलाह देने का अधिकार है, ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं।” उनके इस बयान से मनराखन देवांगन भड़क उठे और उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। गुस्साए मनराखन देवांगन ने पालिका अधिनियम की धाराओं का हवाला देते हुए कहा मैं कानून के दायरे में रहकर अपनी बात रख रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है, जो कि बिल्कुल सही नहीं है।

सभा के दौरान अटल परिसर के पंजीयन प्रस्ताव को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। सांसद प्रतिनिधि व भाजपा के वरिष्ठ नेता राकेश गुप्ता ने पूछा अगर अटल परिसर को लेकर पीआईसी में प्रस्ताव पारित हुआ है तो उसे सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जाये। मनराखन देवांगन ने भावनात्मक लहजे में कहा अटल जी भारत रत्न हैं उनके नाम पर कुछ भी लुका-छुपी करना गलत है। हम भारत रत्न का सम्मान करते हैं इसे राजनीति से दूर रखा जाए। इस बीच पार्षद विनय देवांगन ने सुलह की कोशिश करते हुए कहा हम सब मिलकर काम करेंगे तभी संगीत नगरी खैरागढ़ का विकास होगा। लेकिन जवाब में पार्षद दिलीप लहरे ने कटाक्ष किया ऐसे वादे पहले भी हुए लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। आप लोगों की कथनी और करनी में फर्क साफ नजर आता है।

कांग्रेस के धनेली से अजेय और वरिष्ठ पार्षद पुरषोत्तम वर्मा ने कहा कि जनहित के मुद्दों से भाजपा पार्षदों और अध्यक्ष को जानबूझकर दूर रखा जा रहा है जिससे कार्यों में पारदर्शिता नहीं आ पा रही है।

भाजपा के वरिष्ठ पार्षद और अधिवक्ता चंद्रशेखर यादव ने तीखा हमला करते हुए कहा जनता का पैसा जनता के लिए है यह किसी के बाप की जागीर नहीं है। उन्होंने सीएमओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में पारदर्शिता पर ही प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं श्री यादव ने आगे कहा नियमों का पालन होना चाहिए और भविष्य में ऐसी गतिविधियां दोहराई नहीं जानी चाहिए। उनका यह बयान सदन में चर्चा का विषय बन गया और करीब 40 मिनट तक पुराने कामों को लेकर हुए सवाल-जवाब, आरोप-प्रत्यारोप और गर्मागर्म बहस के बाद सामान्य सभा की बैठक औपचारिक रूप से आगे बढ़ी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने कहा पालिका में तमाम कार्य पूर्व पालिका अध्यक्ष की गलतियां सुधाने के लिये हो रहा है। पार्षद चन्द्रशेखर यादव ने कहा बैठक में निर्माण कार्य से जुड़ा एक भी विषय नहीं है। मनराखन ने कहा कि 2 सालों से पालिका में शासन के रुपयों का दुरुपयोग और बंदरबांट के अलावा कुछ नहीं हो रहा है। भ्रष्टाचार के फाइले दबा दी जा रही है। देवांगन ने पूर्व पालिका अध्यक्ष के दल-बदल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार सामने ना आए और सिर्फ भुगतान के लिए पार्टी बदलने वाला व्यक्ति आज सदन के उस पर बैठा है।

नगर पालिका सीएमओ ने बैठक में कहा गलती से दरों को एक जैसा लिख दिया गया था जिसकी वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई इसमें ठेकेदारों की गलती नहीं है। सीएमओ ने प्रस्ताव को पढ़कर बताया कि यह सही है। 22 सितंबर 2023 की बैठक में उक्त निविदा निरस्त करने का प्रस्ताव पारित हुआ था लेकिन वह एक चूक की वजह से हुआ था। पार्षद चंद्रशेखर ने कहा कि यदि किसी प्रस्ताव पर पूर्व में निर्णय आ चुका है तो उसे पुन परिषद में नहीं रखा जाता। ऐसे ही मामलों को लेकर पालिका में बैठक देर तक चलती रही जहां नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती गिरिजा नंद चंद्राकर, पार्षदों सहित अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।

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