नकली शराब बनाने वाले गिरोह के मास्टर माइंड सहित चार आरोपी गिरफ्तार
एसपी त्रिलोक बंसल के निर्देश में मिली पुलिस को बड़ी कामयाबी
नकली शराब बनाने का सामान के साथ अंतर्राज्यीय गिरोह के आरोपी गिरफ्तार
अपराध में प्रयुक्त ब्रेजा कार, पल्सर मोटर सायकल सहित नकली शराब बनाने की सामग्री जप्त
आरोपियों के कब्जे से 8 लाख का सामान व नगद 80 हजार की राशि बरामद
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. नकली शराब बनाने वाले गिरोह के मास्टर माइंड सहित 4 अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसपी त्रिलोक बंसल के निर्देशन में जिला पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। कार्यवाही में नकली शराब बनाने के सामान के साथ अंतर्राज्यीय गिरोह के आरोपियों को नागपुर से गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से नकली शराब बनाकर बेचने के उक्त जानलेवा अपराध में प्रयुक्त हो रही ब्रेजा कार, पल्सर मोटर सायकल सहित 4 सिन्टेक्स टंकी, 2 ड्रम व एक टुल्लू पम्प जिनकी कीमत लगभग 8 लाख रूपये आंकी गई है और साथ ही आरोपियों के कब्जे से 80 हजार रूपये की नगद राशि भी बरामद की गई है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के विरूद्ध 34(1)ख, 34(2), 35, 59 आबकारी एक्ट एवं धारा 318(4), 336(2), 336(3), 340(2), 238, 3(5) भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। गौरतलब है कि एसपी त्रिलोक बंसल के निर्देश में जिला पुलिस द्वारा लगातार अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। बीते 7 सितंबर 2024 को एएसपी नेहा पांडे, एसडीओपी लालचंद मोहले के मार्गदर्शन में सायबर सेल प्रभारी निरीक्षक अनिल शर्मा के द्वारा ग्राम नर्मदा रोड में छापेमार कार्यवाही की 3 लोगों को शराब बेचते रंगेहाथ पकड़ा गया था। इसी दौरान नकली शराब होने की आशंका के चलते पूछताछ करने पर आरोपी नरसिंग उर्फ केजरीवाल ग्राम विचारपुर ने नकली शराब की पुष्टि की थी जिसके बाद नरसिंग के बताये ठीकाने ग्राम रौंदा थाना धमधा जिला दुर्ग में किराये के फार्महाउस में छत्तीसगढ़ की शासकीय देशी मदिरा से मिलती-जुलती हू-ब-हू नकली शराब बनायी जा रही थी। नरसिंग अपने सहयोगी विनोद सोनी के माध्यम से शराब का निर्माण कर अलग-अलग क्षेत्रों में शराब कोचियों के माध्यम से नकली शराब की बिक्री कर रहा था। गंडई पुलिस ने इस फार्महाउस से 162 बल्क लीटर नकली देशी मदिरा के साथ 150 लीटर स्प्रीट व 15 बोरी खाली शराब की सीसियां, पॉलीथीन के 3 बैग में भरे खाली ढक्कन तथा शराब की बोतल सील करने की एक मशीन कुल 7 लाख 9 हजार 590 रूपये की सामग्री जप्त की गई थी एवं आरोपियों के विरूद्ध धारा 34(1)ख, 34(2), 35, 59 आबकारी एक्ट एवं भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 336(3), 340(2), 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था। उक्त प्रकरण में नरसिंग पिता मिलाप वर्मा, विनोद सोनी पिता लखन सोनी, मिर्जा वारिस बेग पिता मिर्जा वाहिद बेग, सुखुराम पिता शत्रुहन जंघेल, समीर खान पिता नासिर खान, आशीष पिता गन्ना मंडावी, रामेश्वर पिता भिखम सिंह को गिरफ्तार किया गया था।
मनोवैज्ञानिक तरीके से कड़ी पूछताछ के बाद पकड़ में आये अंतर्राज्यीय गिरोह के आरोपी
पूरे मामले में पुलिस ने आरोपी नरसिंग वर्मा से मनोवैज्ञानिक तरीके से कड़ाई के साथ पूछताछ की और इसके बाद नकली शराब प्रकरण में न केवल नीचले स्तर पर शराब बेचने वाले गिरोह की असलियत सामने आयी बल्कि उच्च स्तर पर भी इंटर स्टेट उक्त गंभीर आरोप को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ और पुलिस ने 5 अन्य अहम गिरफ्तारियो को अंजाम दिया। पूछताछ में पता चला कि नरसिंग व उसका साथी विनोद इस समूचे अवैध कारोबार के मुख्य सरगना व मास्टर माइंड जयनारायण गुरूपंच निवासी कुटेली (छुईखदान) यह तीनो मिलकर नकली शराब बनाते व बिक्री करने की योजना बनाते थे। इन्होंने नागपुर जाकर पूर्व से परिचित शराब तस्कर नागपुर निवासी रोहित बाबर से सांठगांठ की और नकली शराब बनाने की सामग्रियां उपलब्ध कराने की मांग की थी। बाबर ने उच्च स्तर पर इस अवैध कारोबार से जुड़े नागपुर निवासी मोहम्मद शमीम से तीनों आरोपियों को मिलवाया था और डील पक्की होने के बाद जिले में नकली शराब के मुख्य मास्टर माइंड जयनारायण गुरूपंच को इसकी सूचना दी थी। बाद में सभी ने मिलकर छग में बिकने वाले देशी शराब की बोतल में लगने वाले स्टीकर, ढक्कन व होलोग्राम की हू-ब-हू नकल एक लाख नग उपलब्ध कराने 7 लाख रूपये का सौदा शमीम से पक्का किये थे और एडवांश के रूप में आधी रकम 3 लाख 50 हजार रूपये उसे दी थी। इसके बाद शमीम व बाबर ने नकली शराब बनाने के लिये प्रयुक्त की जाने वाली स्टीकर व ढक्कन तथा बोतल सील करने वाली मशीन यहां भेजी थी और 2 लाख 40 हजार की रकम शमीम को फिर से दी गई थी। आरोपियों ने बताया कि होलोग्राम स्टीकर नहीं मिलने के कारण एक लाख रूपये को सौदे के मुताबिक रोक दिया गया था। सामग्रियां उपलब्ध होने के बाद तीनों आरोपियों ने धड़ल्ले से नकली शराब का निर्माण शुरू किया और इसके लिये गुरूपंच ने अपने परिचित ग्राम मुड़ीया थाना परपोड़ी निवासी उमेश वर्मा से मिलकर उसके पोल्ट्री फार्म के पास स्थित खाली कमरे को 50 हजार रूपये प्रतिमाह किराये से लिया था और यहीं सभी सामग्रियों को रखकर स्प्रिट और पानी मिलाकर नकली शराब का निर्माण करते थे तथा बनाई गई नकली शराब को गेलन में भरकर गुरूपंच के द्वारा पूर्व में किराये पर लिये गये फार्म हाउस में ले जाकर बोतल में पैक कर हू-ब-हू देशी मदिरा तैयार कर इसे बेचा जाता रहा। पुलिस ने इस प्रकरण में नकली शराब बेचने वाले कोचियों के खिलाफ भी कार्यवाही की है और शराब कोचिया राजेन्द्र निषाद निवासी उदयपुर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस कार्यवाही के बाद आरोपियों ने स्प्रिट व अन्य सामग्रियों को बांध में फेंका
मामले के खुलासे को लेकर पत्रवार्ता में एसपी त्रिलोक बंसल ने बताया कि पूर्व में बरामद सामग्रियों के अलावा आरोपियों से पूछताछ के बाद उमेश वर्मा ने नरसिंग व विनोद की गिरफ्तारी से डरकर गुरूपंच के कहने पर शेष बचे स्प्रिट को बहा दिया और छः बोरियों में शेष बचे ढक्कन व एक कार्टून स्टीकर को बाजार अतरिया से आगे धमधा मार्ग में स्थित ठेलका पुल के पास बांध में डूबो दिया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर पुल के पास तलाशी की लेकिन बांध में अधिक पानी होने के कारण पुलिस को सामग्री नहीं मिल पायी। पुलिस ने गिरोह के सरगना गुरूपंच के पास से 65 हजार रूपये नगद व अपराध में प्रयुक्त की जा रही ब्रेजा कार कीमत लगभग 7 लाख तथा आरोपी उमेश के पास से एक पल्सर मोटर सायकल कीमत 70 हजार रूपये तथा अन्य आरोपियों के पास से 15 हजार रूपये नगद बरामद की है। एसपी त्रिलोक बंसल ने बताया कि नकली शराब प्रकरण में क्षेत्रीय स्तर के साथ ही अंतर्राज्यीय स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हो सकती है। पूछे गये सवाल पर एसपी श्री बंसल ने बताया कि आरोपियों ने लगभग एक माह में 7 लाख रूपये की नकली शराब बनाकर बेची थी। समूची कार्यवाही में सायबर सेल प्रभारी अनिल शर्मा, टैलेश सिंह, कमलेश श्रीवास्तव, विभाष सिंह, त्रिभुवन यदु सहित पुलिस जवानों का अहम योगदान रहा।